भारतीय जनता पार्टी के लिए, खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए उत्तर प्रदेश का चुनाव अभियान एक जीवन-मरण का प्रश्न बन चुका है. ऐसा भी नहीं है कि अगर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी हार जाती है तो उनके प्रधानमंत्री के कुर्सी पर किसी प्रकार का खतरा मंडरायेगा. नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है. फिर सवाल उठता है कि क्यों प्रधानमंत्री अपनी सारी गरिमा और साख को दांव पर लगा कर उत्तर प्रदेश में अपने मंत्री समेत टंेट डाले हुए हैं और लगातार एक के बाद एक रोड शो आदि कर अपनी धमक दिखाने का प्रयास कर रहे हैं ?
दरअसल उत्तर प्रदेश चुनाव के कई मायने जुड़े हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ. सबसे पहला तो यही है कि नोटबंदी जैसे तुगलकी फरमान के कारण खराब हुई छवि को ठीक करने की एक कोशिश के रूप में इसे देखा जा सकता है. दूसरी जो सबसे बड़ा सवाल है वह है उनके नाक के नीचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का उन पर निरन्तर हमला और एक पंजाब-गोवा जैसे राज्यों में आम आदमी पार्टी का विस्तार. अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री पंजाब और गोवा में सत्ता हासिल कर लेते हैं, जिसकी पूरी संभावना है तो मोदी को आगे के दिनों में किसी भी कार्रवाई के लिए जनता का हासिल समर्थन घट जायेगा.
कहा जाता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से खड़े प्रतिद्वन्द्वी उम्मीदवार अरविन्द केजरीवाल को हराने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने लाखों की संख्या में फर्जी मतदाताओं की फौज खड़ा कर दी थी. एक आंकड़ें के अनुसार वाराणसी संसदीय सीट पर 3,11,057 (तीन लाख ग्यारह हजार सनतावन) थी. वहीं जिला प्रशासन का अनुमान था कि फर्जी वोटरों की संख्या 6,47,080 (छः लाख सैतालिस हजार अस्सी) के करीब हो सकती है. ऐसे में नरेन्द्र मोदी के लिए जन समर्थन का जुटाना एक खासी मुश्किल काम साबित हो सकता है.
उत्तर प्रदेश चुनाव हारने का एक दूरगामी परिणाम खासकर सन् 2019 में होने वाली संभावित लोक सभा चुनाव का परिणाम भी दृष्टिगोचर हो सकता है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के आन्तरिक सुत्रों के द्वारा किये गये सर्वेक्षण के माध्याम से भारतीय जनता पार्टी यह समझ चुकी है कि पंजाब और गोवा में विशाल बहुमत से केवल आम आदमी पार्टी की ही सरकार बन सकती है, ऐसे उनका उत्तर प्रदेश चुनाव में के लिए सारा तंत्र झोंक डालने के सिवा और कोई चारा नहीं है. इतना ही नहीं बल्कि जीत को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी किसी भी हद तक जा सकती है जैसा कि हाल के महाराष्ट्र नगर निगम के चुनाव में बड़े पैमाने पर किये गये फर्जी मतदान और मतगणना का मामला प्रकाश में आया है. पंजाब में भी ई0वी0एम0 मशीन के साथ छेड़छाड़ की घटना हो चुकी है.
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rohit sharma
March 7, 2017 at 10:11 am
bahut sahi
cours de theatre
September 30, 2017 at 3:40 am
Looking forward to reading more. Great article post.Thanks Again. Cool.