Home ब्लॉग क्या चुनाव जनता को ठगने और मन बहलाने का एक माध्यम है?

क्या चुनाव जनता को ठगने और मन बहलाने का एक माध्यम है?

2 second read
1
1
935

कट्टर वामपंथी का कहना है कि चुनाव जनता को ठगने और मन बहलाने का एक माध्यम है, कि जनता को अगले पांच साल तक शासक वर्ग का कौन घड़ा लूटेगा इसका निर्धारण है, कि विश्व समुदाय के सामने अपनी दलाल नीति पर जनता की नकली वोट द्वारा केवल मोहर लगाने का एक स्टाम्प मात्र है.

वर्तमान में पांच राज्यों में हुए चनावों में एक चीज तो काफी स्पष्ट हो गई है कि आम आदमी पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए शासक वर्गों के द्वारा तमाम हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. चुनाव के दलदल में घुस जाने और सफाई करने के वादे पर दृढ़ता से खड़ी आम आदमी पार्टी को खत्म करने के तमाम हथकंडे अपनाये जाने के बाद भी जब खत्म न की जा सकी तो वर्तमान पंजाब विधान सभा चुनाव में बड़े पैमाने पर ई0वी0एम0 मशीन के हेर-फेर का मामला भी सामने आया था. प्रदर्शित विडियों में यह साफ दिखाया गया था कि किस प्रकार ई0वी0एम0 को बदला जा रहा था, कि किस प्रकार बटन कोई भी दबे वोट कांग्रेस को मिल जाना है. कि बीजेपी खुलेआम कांग्रेस पार्टी को वोट दिये जाने की वकालत कर रही थी.

वहीं ऐसा ही दावा उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी ई0वी0एम0 को जानबूझकर खराब करने आदि जैसे मामले सामने आ रहे हैं. बात चाहे जो भी पर चुनाव के दौरान किये जाने वाला ये कृत्य निश्चित रूप से कट्टर वामपंथी के दावे की पुष्टि करती है.

भारतीय जनता पार्टी संगठित तौर पर नीचे से ऊपर तक एक ढांचा विकसित किया है. मीडिया खरीदे गये, सुप्रीम कोर्ट तक में अपने आदमी बतौर जज बहाल किये गये, चुनाव आयोग सहित तमाम तथाकथित संवैधानिक ढांचे को अपने अनुसार नियोजित किये और बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर ट्रोल बिठाये गये, जो विरोधियों पर सीधा प्रहार करने से लेकर गाली-गलौज तक कर खामोश कराने की कोशिश की गई.

बहरहाल एक बात तो और साबित हो गयी कि जनता को लूटने और साम्राज्यवादी शक्तियों के हाथों गिरवी रखने में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी सहित तमाम दलों में आपसी सहमति है. पांच साल मैं और पांच साल तू का यह दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में आम आदमी पार्टी जैसी वास्तविक जन-हितैषी पार्टी जो इस लूट के खिलाफ है, कहां तक टिक पायेगी यह तो लोगों की जागरूकता ही तय कर पायेगी. शायद इसका जबाव भविष्य ही दे सकता है. फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि चुनाव जनता को ठगने और मन बहलाने का मात्र एक माध्यम के सिवा और कुछ नहीं है.

[प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In ब्लॉग

One Comment

  1. B khan

    March 11, 2017 at 6:41 pm

    BJP ne kitna fund kharch kiya UP me apni sarkaar lane me…uska buwra de….

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…