कठफोड़वा की चोंच का एक प्रहार
और अनार की छाती से
बहता रक्त
पूरब में फैलता
मां के कलछुल से
ढलकेगा
सोना मूंग की गरम दाल
अभी थोड़ी देर बाद
कठुआए हुए जीभ
लपकेंगे हवा की दिशा में
रहट धीरे धीरे पानी खींचता था
खेत चुस्कियां लेकर पीते थे पानी
अब एक सोया हुआ दानव
अचानक जागता है
और सुरसा की तरह निगल जाता है पानी
उं उं उं उं उं उं उं उं उं ….
रोते हुए
चरम सुख का शीत्कार
बहेलिया के गुलेल के
बीचोंबीच
गिद्ध बचे हैं
लालसर
भांगर में उथले हैं
रक्तिम पट्टियां गले में बांधे
ऐसे में खबर आई है कि
रामधुन जब गुजर रहा था
उस भूताहा पेड़ के नीचे से
किसी ने उसे खींच लिया उपर
गला पकड़ कर
वेताल के प्रश्न का जवाब नहीं था
उसके पास
कितने पेट होते हैं
एक पेट के अंदर
- सुब्रतो चटर्जी
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