Home कविताएं औरत का आग से पुराना नाता है

औरत का आग से पुराना नाता है

0 second read
0
0
420
औरत का आग से पुराना नाता है
औरत का आग से पुराना नाता है

औरत का आग से पुराना नाता है
उतना ही पुराना जितनी कि आग..

जब पुरुष शिकार की तलाश में
भटक रहा था यहां वहां
औरतें उलट रही थी धरती.
और निहार रही थीं
धरती के भीतर पड़े बीज का मुस्कुराना.
जैसे मुस्कुराते हैं बच्चे मां की कोख में.
और फिर उनका उमग कर ऊपर आना…
उनकी आंखों के सामने ही घटित हो रहा था..

तब उन्हें क्या पता था
कि वे रख रही हैं नींव विज्ञान और खेती की.
वे पहली किसान और पहली वैज्ञानिक थी.

आग उस वक़्त आवारा थी,
जिसका कोई ठिकाना न था
कभी वह दावानल थी
तो कभी महज धुंआ-धुंआ…

औरत ने पहली बार साधा आग को
जैसे साधता है महावत मदमस्त हाथी को.

औरतों के बीच बहुत कुछ सांझा है
लेकिन उनके बीच आग का नाता बहुत पुराना है
चूल्हे की आग का लेन देन
उनके बीच रिश्ते की गर्माहट का एक कारण था

सभ्यता की शुरुआत हुई
मुक्त औरत गुलाम हुई
उसका आग पर नियंत्रण अब भी था
लेकिन आग की लपटें
अब पुरुष की सेवा में थी…

रात में राख से आग को ढककर
औरतें आग को
जिलाये रखती थी अगले दिन के लिए
क्योंकि आग का मरना सभ्यता का मरना था…

सदियों दर सदियों यह करते हुए
अचानक एक दिन किसी औरत को ख्याल आया
आग को अपने भीतर रखकर भी
आग को बचाया जा सकता है…
हालांकि यह आसान न था,
क्योंकि यह आग थी !

औरत ने जैसे ही आग को अपने भीतर रखा
एक चमत्कार घटित हुआ
उसकी गुलामी की बेड़ियां पिघलने लगी
औरत मुक्त होने लगी…

कानों कान यह राज
जंगल की आग की तरह औरतों में फैल गयी.

हालांकि आग को अपने भीतर रखने की प्रक्रिया में
न जाने कितनी औरतें झुलस गई.

लेकिन उनके पीछे एक दूसरी सभ्यता
उसी तरह अंखुआने लगी
जैसे कभी औरत की अन्वेषी दृष्टि के सामने
पहली बार अंखुवाये थे नन्हें नन्हें बीज…

  • मनीष आजाद

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • प्रहसन

    प्रहसन देख कर लौटते हुए सभी खुश थे किसी ने राजा में विदूषक देखा था किसी ने विदूषक में हत्य…
  • पार्वती योनि

    ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग…
  • विष्णु नागर की दो कविताएं

    1. अफवाह यह अफवाह है कि नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं अमित शाह गृहमंत्री आरएसएस हि…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

नारेबाज भाजपा के नारे, केवल समस्याओं से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए है !

भाजपा के 2 सबसे बड़े नारे हैं – एक, बटेंगे तो कटेंगे. दूसरा, खुद प्रधानमंत्री का दिय…