क्यूं छोटी सोच रखते हो..??
क्या सुनील दत्त ने नरगिस को सूटकेस में पैक किया..!!
हां एक हिंदू पति के होते हुए
सुनील दत्त ने अपनी मुस्लिम बीवी को
कब्रिस्तान में जरूर दफनाया,
उसके मजहब के अनुसार..!!
क्या शाहरुख खान ने अपनी
हिंदू बीवी के साथ पिछले 25 सालों से
निभाह नहीं किया..?? दलधलँ
या सुनील शेट्टी ने अपनी
मुस्लिम बीवी को पैक किया..??
नही उसकी बेटी की शादी एक
ब्राह्मण लड़के से उसकी मर्जी से कराई..!!
महेश भट्ट के नागर ब्राह्मण पिता ने भी
अपनी मुस्लिम प्रेमिका और
महेश भट्ट की मां को सूटकेस में बंद नही किया,
ना ही उसे फ्रिज में सुलाया..!!
बेशक उसने बीवी का दर्जा ना दिया हो..!
इमरान हाशमी को हिंदू बीवी से लड़का हुआ,
इसे एक जानलेवा बीमारी हुई
उसके लिए अपना कैरियर दांव पर लगा दिया
फिल्मे छूटी, जितना पैसा कमाया लगा दिया..
ठीक किया अपने बच्चे को
दुबारा फिल्मों में आया
जैसे भी रोल मिल रहे हैं,
कर रहा है..
बिना हीरो बनने की जिद किये..!!
आमिर खान ने दो शादियां की
दोनो बीवियां हिंदू
दोनो से आगे चलकर नही निभी
क्या फ्रिज में पैक कर दिया..??
नही छोड़ दिया करोड़ों रुपए की सुरक्षा देकर..!!
बच्चे दोनो के सांझे आज भी है..!!
ऐसे और दर्जनों मिसाले हैं…
पर तुम लोग हो मिडिल क्लास तबके के..
सोच भी मिडिल क्लास वाली है..!
गरीब सोच..!!
इससे ऊपर उठकर सोच नहीं सकते…
दिमाग पर मजहबी जुनून सवार रहता है हर दम..!!
चाहे मजहब का पता हो
या ना हो..!!
बीवी को कलमा पढ़ा दिया या
हिंदू लड़की से शादी कर ली, तो समझ लिया
एवरेस्ट फतह कर ली..!!
पर जिनके पास स्टेट्स है,
पैसा है, नाम शोहरत है,
उनके लिए इंसान अहमियत रखता है मजहब नहीं..!!
वो सोचते है क्या फर्क पड़ता है
हमारी जिदागियो में गैर मजहबी इंसान के साथ रहने में..!!
हमें सारा दिन राम राम या
अल्लाह अल्लाह ही करना है क्या..??
नहीं दुनिया में सामाजिक जीवन भी इंपोटेंट है..
विचारो का मिलना भी जरूरी है..!!
फैमिली भी बनाना है..!!
असल बात तो निभाह करना है ना..!!
क्या हिंदू लड़के लड़की की शादियां नहीं टूटती..?
मार कुटाई होती..!!
हत्याएं भी होती है..!!
अगर यकीन न हो तो
सुबह दस बजे के बाद
किसी भीं कोर्ट में चले जाना,
जहां भीड़ देखना
समझ जाना तलाक सेल मौजूद है..
यही हाल मुस्लिम लड़के लड़की का भी है
बस फर्क ये है कि उनमें से
ज्यादातर को कोर्ट नही जाना पड़ता,
मौलवी के सामने से सब तय पा जाता है..!!
शादियां ना निभने का बड़ा कारण
एक दूसरे से आपसी उम्मीदों का टूटना होता है..
शादी से पहले समझते कुछ है
और मिलता कुछ है..!!
फिर झगड़े शुरू होते है..!!
शिक्षा का भी असर होता है..!!
कि कैसी शिक्षा पाई है
कैसे संस्कार पाए है…!
कही कही तलाक की जगह
मौत नसीब में आती है
हम बस उसी एक पक्ष को देखते हैं..!!
और फ़िर हमने एक नई थ्योरी गढ़ लेते है.
Love Jihad की
और राजनीति शुरू
डर और खौफ की राजनीति..!!
नफरत का कीड़ा पहले से ही
काटा हुआ होता है हमको..!!
सो यकीन जल्दी हो जाता है,
चीजे हरदम ब्लैक एंड व्हाइट ही नही होती,
ग्रे भी होती है…!!
- राज धाल
[ प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]