अभी दिवाली कहां है यारों, अभी दिवाली नहीं है आई.
अभी तो देखो यारों कितने घरों का बुझा है चूल्हा
ना जाने कब से भर पेट है रोटी खाई.
अभी दिवाली कहां है यारों, अभी दिवाली नहीं है आई.
अभी तो हर पल पिस रहा इन्सान है
अभी तो करोड़ों बच्चे भूख से बेहाल है
अभी तो हर तरफ़ है छाई उदासी.
अभी दिवाली कहां है यारों, अभी दिवाली नहीं है आई.
अभी झूठे हैं दीपक सारे,
झूठी है ये लड़ियां झड़ियां
ना जाने कितने घरों में अंधियारा है
कितनों का जीवन अंधेरे में है.
अभी दिवाली कहां है यारों, अभी दिवाली नहीं है आई।
असल दिवाली उस दिन होगी यारों
जब हर चेहरे पर मुस्कान खिलेगी
हर आंख का सपना जिस दिन साकार होगा यारों
अभी दिवाली कहां है यारों, अभी दिवाली नहीं है आई.
अभी तो भटक रहे दरबदर करोड़ों इन्सान है
अभी तो खौफजदा बहन, बेटी और मां है
डर के साए में जी रहा हर इन्सान है.
अभी दिवाली कहां है यारों, अभी दिवाली नहीं है आई.
- पवन कुमार
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