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वेबसाइट की स्टिंग में खुलासा : सीधे पीएमओ से संचालित था नोट बदलने का धंधा

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[नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला था, जिसमें तकरीबन 14 लाख करोड़ रूपयों का गबन किया गया है, जिसमें सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय और खुद नरसंहार के अभियुक्त नरेन्द्र दामोदर दास मोदी और तड़ीपार अमित शाह की संलिप्तता थी, जिसको एक वेबसाईट ने किये गये स्टिंग को जारी कर जाहिर किया है. रिपोर्ट प्रस्तुत है.]

वेबसाइट की स्टिंग में खुलासा : सीधे पीएमओ से संचालित था नोट बदलने का धंधा

कांग्रेस ने एक स्टिंग के जरिये एक बार फिर यह साबित करने की कोशिश की है कि नोटबंदी देश का सबसे बड़ा घोटाला था. पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को इससे जुड़ी एक स्टिंग को संवाददाताओं के सामने पेश किया. इसमें दिखाया गया है कि नोटबंदी के समय किस तरह से बड़े पूंजीपतियों और सत्ता तक पहुंच वाले लोगों के कालेधन को सफेद में बदलने का काम किया गया था.

टीएनएन डॉट वर्ल्ड नाम की वेबसाइट पर जारी इस स्टिंग में राहुल राथरेकर नाम के एक शख्स का जिक्र है, जिसकी पृष्ठभूमि देश की खुफिया एजेंसी रॉ से जुड़ी बतायी गयी है. साथ ही उसका एक ऐसा आईडी कार्ड दिखाया गया है जिससे उसे कैबिनेट सेक्रेटरिएट तक एक्सेस हासिल है. राहुल के जरिये जो खुलासे किए गए हैं वो किसी की भी आंख खोल देने के लिए काफी हैं.




इसमें सीधे-सीधे बताया गया है कि नोटों को बदलने का यह काम सीधे पीएमओ द्वारा संचालित किया गया था. पीएमओ में बाकयदा इसके लिए एक विंग बनायी गयी थी, जिसके हेड के तौर पर निपुण शरण का नाम दिया गया है. हालांकि असली नाम छुपाने के लिहाज यह नाम दिया गया है और उसके नीचे 26 लड़के लड़कियों की टीम बनायी गयी थी, जिन्हें देश के स्तर पर नोटों के बदलने के इस कार्यक्रम को संयोजित करना था. इसमें 22 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल थीं. वेबसाइट की मानें तो इन सबका नियंत्रण सीधे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के हाथ में था. दिलचस्प बात यह है कि इन सभी 26 लड़के-लड़कियों को आरबीआई के विभिन्न केंद्रों पर तैनात किया गया था.

इसमें यह भी बताया गया है कि अगर फील्ड में किसी मौके पर कोई पुलिस या फिर दूसरी जांच एजेंसियों के लोग इससे जुड़ी गांड़ियों या फिर उनकी गतिविधियों को चेक करने की कोशिश करते थे तो उनके पास सीधे ऊपर से ऐसा न करने के लिए संदेश चला जाता था.

वेबसाइट ने राहुल के हवाले से इस बात का भी खुलासा किया है कि 1-1 लाख करोड़ रुपये की पहली तीन श्रृंखला नकली नोटों की थी जिसे बाहर छपवाकर और बाकायदा एयरफोर्स के ट्रांसपोर्ट प्लेन से हिंडन एयरपोर्ट पर उतारा गया था.




राहुल के हवाले से वेबसाइट ने बताया है कि करेंसी को बदलने के लिए पहले ट्रांजैक्शन रेट 15 फीसदी था. बाद में उसे बढ़ाकर 35-40 फीसदी कर दिया गया था और इसकी वसूली करेंसी को बदलने के दौरान ही कर ली जाती थी.

इसके साथ ही आखिर में राहुल एक और खुलासा करता है जिसमें उसका कहना है कि पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर वाली करेंसी को नवंबर से छह महीने पहले ही प्रिंट कर लिया गया था और चुनिंदा राजनेताओं और बड़े बिजनेस हाउसेज के नोट बदलने का काम उसी समय शुरू हो गया था.

अलग-अलग समय पर की गयी स्टिंग में अलग-अलग लोकेशन दिखायी गयी है. शुरुआत में राहुल राथरेकर से बात करते हुए एक शख्स को देखा जा सकता है, जिसका चेहरा वीडियो में ब्लर कर दिया गया है और राहुल उसको पूरे ऑपरेशन की जानकारी दे रहा है. 9 मिनट 20 सेकेंड के इस वीडियो में एक जगह कुछ लोगों को एक गोदाम में ले जाया जाता है, जिसमें घुसने से पहले सभी के मोबाइल रखवा लिए जाते हैं और उन्हें बाकायदा इस बात की चेतावनी दी जाती है कि अगर कोई मोबाइल नहीं रखा तो उसको साफ कर दिया जाएगा. करन नाम के शख्स द्वारा की गयी इस स्टिंग में गोदाम के भीतर टीन के कई बक्शे रखे दिखाए गए हैं, जिनमें 2000 के नोटों से भरी गड्डियां दिखती हैं.




“सुनामी ऑफ स्टिंग्स मोदी बीजेपी अनमास्क्ड” नाम से जारी इस स्टिंग में अलग-अलग वीडियो का जोड़ है. इसमें एक जगह पर एक शख्स को बाकायदा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह का नाम लेते हुए दिखाया गया है. उसी समय किसी नितिन पटेल का नाम आता है.

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का कहना था कि जांच करने के लिए किसी भी एजेंसी के लिए इतना सबूत पर्याप्त है लेकिन कोई भी जांच एजेंसी इस मामले को नहीं उठाना चाहेगी क्योंकि अभी उसके लिए प्राथमिकता विपक्षी नेताओं की घेरेबंदी है. बावजूद इसके उन्होंने जांच एजेंसियों से इस मामले का संज्ञान लेने की गुहार लगायी है.

खबर का लिंक नीचे दिया जा रहा है:

https://tnn.world/tsunami-of-stings-modi-bjp-unmasked-comp…/




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