आभा शुक्ला
ओए हैलो…! ओए माफिया का अंत जरूरी था, माफिया से कैसी हमदर्दी का ज्ञान देने वाले भाई साहब…! शर्म करिए…! कोई अतीक के लिए नही रो रहा …., हम दु:खी हैं न्यायपालिका, लोकतंत्र और लॉ एंड ऑर्डर की हत्या पर….
अतीक पर कोई दु:ख नहीं है हमें….! हमें क्या, अतीक की आत्मा को भी दु:ख नहीं खुद के मरने का भाई साहब…! पिछले एक महीने में मीडिया के माध्यम से मैने अतीक को जितना जाना, अदम्य साहसी था वो आदमी….! बेटे की मौत को अल्लाह का हुक्म मान कर बिना एक आंसू गिराए झेल गया वो….! बस इतना कहा कि अल्लाह की चीज थी अल्लाह ने ले ली….! है किसी के पास कोई वीडियो फुटेज जिसमें अतीक फूट फूट कर रोता या बेहोश होता दिख रहा हो…? नहीं है….! किसी के पास नहीं है….! बेटे की मौत को अपने अल्लाह का हुक्म मान कर एक आंसू नहीं गिराया उसने….! अपनी मौत को भी अल्लाह की मर्जी मान कर स्वीकार कर लिया होगा उसने….! संसद में रोने वालों में से नहीं था वो आदमी….!
अतीक तो गया….! अब आप भी अगर लॉ एंड ऑर्डर के फेलियर को, न्यायपालिका की साख पर हमले को अल्लाह की मर्जी मान कर स्वीकार कर गए हों तो कोई बात नहीं….! तब आप ज्ञान बघार लीजिए….! हक है आपका…..!
आई समझ….? अब निकल लो….! दिखना मत…..!!
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अतीक के बेटे का एनकाउंटर हो गया है…! मीडिया लहंगा उठा कर नाच रहा है…!
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