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वैक्सीनेशन पास की प्रक्रिया की अनिवार्यता का विरोध

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फ्रांस सरकार ने बार और रेस्तरां में प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन पास की प्रक्रिया अनिवार्य कर दिया है. इसे लेकर फ्रांस में टीका विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गया है. एक लाख लोग सड़कों पर उतर आए हैं. उनका कहना है कि जो लोग टीकाकरण नहीं चाहते यह उनकी पसंद की स्वतंत्रता पर हमला है.

यह फ्रांस का मामला है, जहां के लोगों ने वैक्सीनेशन को अनिवार्य पास के बतौर इस्तेमाल करने की कोशिशों का जबरदस्त विरोध करना शुरू कर दिया है. ऐसी कोशिशों का विरोध अमेरिका समेत अन्य देशों में भी लोग विरोध कर रहे हैं, क्योंकि लोगों का स्पष्ट मानना है इस टीकाकरण योजना असल में लोगों को सरकार (भारत के सन्दर्भ में कॉरपोरेट्स घराने) द्वारा नियंत्रित करने की कोशिश है.

भारत जैसे देश में जहां अशिक्षित, गरीब लोगों की विशाल तादाद मौजूद है, यहां भी वैक्सीनेशन पास को अनिवार्य करने की कोशिश चल रही है. पहले तो रेल यात्रियों के लिए इसे अनिवार्य करने की कोशिश की गई थी, पर असंभव सा लगने का कारण तत्काल तो रोक दिया गया है, लेकिन हवाई सेवाओं वैक्सीनेशन को अनिवार्य तौर पर लागू करने की कोशिश की जा रही है.

विगत दिनों वैक्सीनेशन पास के वगैर यात्रा कर रहे एक यात्री को तो बकायदा अपराधियों की तरह पेश कर हिरासत में ही ले लिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट से एक यात्री को गिरफ्तार किया. आरोपी यात्री उस वक्त एयरपोर्ट के कर्मचारियों पर भड़क गया, जब उसे कर्मचारियों ने यात्रा करने से रोक दिया क्योंकि उसके पास आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट नहीं थी. उसके सारी हरकतें सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.

आरोपी यात्री की पहचान सूरज पांड के रूप में हुई है. वह यूपी का रहने वाला है. उसने एयरपोर्ट के अंदर जमकर हंगामा किया. वहां कामकाज में बाधा डाला और वह चेकिंग बैगेज बेल्ट पर जाकर खड़ा हो गया और चिल्लाने लगा. गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे जमानत मिल गई.

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस थाने को 21 जून यानी सोमवार को फोन पर आईजीआई एयरपोर्ट के टी3 प्रस्थान पर झगड़े के संबंध में कॉल मिली थी. जिसमें विस्तारा एयरलाइन के ड्यूटी मैनेजर दीपक ढांढा ने शिकायतकर्ता के रूप में एक 36 वर्षीय यात्री सूरज पांडे पुत्र चंद्रकांत पांडे निवासी ग्राम सान बरशा, रुद्रपुर, देवरिया, उप्र पर आरोप लगाया कि आरोपी सूरज पांडेय वहां आए थे. क्योंकि उन्हें आईजीआई एयरपोर्ट से विस्तारा एयरलाइन काउंटर फ्लाइट यूके 933 से मुंबई जाना था. लेकिन उनके पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं थी. इसलिए उन्हें यात्रा करने से रोक दिया गया और उनकी फ्लाइट छूट गई.

मैनेजर दीपक ढांढा के मुताबिक दोपहर करीब तीन बजे आरोपी यात्री सूरज पांडेय गाली गलौज कर चिल्लाने लगे. वह बैगेज बेल्ट पर चढ़ गए और उस पर चलते रहे. सूरज पांडेय ने एयरलाइन स्टाफ और अन्य यात्रियों के काम में भी बाधा डाली.

दीपक ढांढा के अनुसार उनके स्टाफ ने सीसीटीवी फुटेज की जांच भी की, जिसमें सूरज पांडेय की सारी हरकतें कैद हो गई. शिकायत और सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई. इसके बाद एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारियों ने पाया कि आरोपी सूरज पांडे ने धारा 92/93/97 डीपी अधिनियम के तहत अपराध किया है. इसलिए आरोपी को डीडी नंबर 57ए दिनांक 21.06.2021 के तहत धारा 92/93/97 डीपी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. सुरक्षाकर्मी उसे खींचकर एयरपोर्ट से बाहर ले गए. गिरफ्तारी के बाद उसका मेडिकल कराया गया. आरोपी अपना निजी व्यवसाय करता है.

पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जमानत मिल पर रिहा कर दिया गया. अब आरोपी सूरज पांडेय को न्यायिक फैसले के लिए फिर से अदालत में पेश होना होगा.

पं. किशन गोलछा जैन कहते हैं – ये जो mRNA वैक्सीन का नया डोज लगवाने को कहा जा रहा है, वो वायरस के सिंथेटिक आरएनए के जरिये शरीर में प्रोटीन बनाने के लिये मॉलेकुलर इंस्ट्रक्शंस को फॉलो करता है और हो सकता है कि इसके बाद कोई चौथा डोज भी आ जाये ?

अब तो WHO ने भी सार्वजनिक रूप से कह दिया है कि किसी भी कम्पनी की कोरोना वैक्सीन ले चुके लोगों को हर वर्ष (65 साल से ऊपर के) तथा हर दूसरे वर्ष (65 साल से कम उम्र वाले को) वैक्सीन का डोज लेना होगा. यही नहीं WHO सहायक महानिदेशक मारियांगेला सिमाओ ने तो यहां तक कह दिया कि केवल वैक्सीन लगवा लेने से कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं रुकेगा.

एक खास बात और mRNA वैक्सीन लगवाते समय सिरिंज और उसकी नोब अच्छे से देख लेवे क्योंकि वैक्सीन की सुई एकदम पतली होती है जबकि माइक्रो चिप की सुई थोड़ी मोटी और आगे से चपटे छेद वाली (खून निकालने वाली सुई की तरह लेकिन उससे थोड़ी मोटी) होती है. क्या पता mRNA के नाम पर आपके शरीर में कोई माइक्रो चिप डाली जा रही हो ?

चुंकि भारत में वैक्सीनेशन पर कोई जांच रिपोर्ट तैयार नहीं होती और अब तो बुनियादी सवालों पर पर जांच रिपोर्ट जारी नहीं होती इसीलिए यहां हम ब्रिटिश स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा जारी एक रिपोर्ट रख रहे हैं. ब्रिटेन की सरकारी स्वास्थ्य एजेंसी ‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड’ (PHE) ने वैक्सीनेशन पर एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि UK में वैक्सीन ना लगवाने वालों की तुलना में वैक्सीन लगवाने वालों की कोरोना से ज्यादा मौत हो रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, 1 फरवरी से 21 जून के बीच कोविड के डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित हुए 257 लोगों की मौतें हुईं. 257 में से 163 लोगों (63.4%) को वैक्सीन की दोनों तो कुछ को एक डोज लगाई गई थी. कमोबेश यही रिपोर्ट भारत के बारे में है, पर किसी सरकारी एजेंसियों के द्वारा नहीं, अपितु कुछ साहसिक लोगों या समूहों द्वारा.

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