Home ब्लॉग अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी मेटा आतंकवाद और चरमपंथी संगठनों की सूची में शामिल

अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी मेटा आतंकवाद और चरमपंथी संगठनों की सूची में शामिल

10 second read
0
0
181

रूस की वित्तीय निगरानी संस्था (financial watchdog) ने दिग्गज अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी मेटा को आतंकवाद और चरमपंथ में शामिल संगठनों की सूची में शामिल किया है. मालूम हो कि मेटा इंस्टाग्राम, फेसबुक और ह्वाट्स अप की मूल कंपनी है. अब रूस का कोई नागरिक फेसबुक या इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है.

यूक्रेन में रूस द्वारा किए जा रहे सैन्य ऑपरेशन के बाद रूस की कंपनियों पर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं. इसके जवाब में रूस ने भी अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, इसी क्रम में मेटा को आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल किया गया है.

रूस की आधिकारिक Tass न्यूज एजेंसी ने बताया कि रूस की संघीय वित्तीय निगरानी सेवा Rosfinmonitoring ने इसकी घोषणा की. Rosfinmonitoring ने कहा कि उन संगठनों और व्यक्तियों की सूची में संशोधन किए गए हैं जिनके संबंध में चरमपंथी गतिविधियों या आतंकवाद में उनकी संलिप्तता के बारे में जानकारी है.

यूक्रेन में रूस के हमले के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पश्चिमी देशों की कंपनियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की यह नवीनतम कड़ी है. मेटा इंस्टाग्राम, ह्वाट्सएप और फेसबुक की मूल कंपनी है. रूस यूक्रेन जंग को लेकर रूस ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आरोप लगाया है कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रूस के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है.

इसी वर्ष मार्च में एक रूसी कोर्ट ने मेटा को चरमपंथी संगठन बताया था और फेसबुक व इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया था. मेटा ने घोषणा की थी कि वह अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रूसी आक्रमणकारियों को मौत जैसे बयान चलने देगा. मेटा ने प्रतिबंध के खिलाफ अपील की थी, लेकिन जून में मास्को की एक अदालत ने इसे बरकरार रखा था. इस फैसले के बाद मेटा रूस में तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में शामिल कर दिया गया है.

ये तो हुई रुस की बात. भारत में इसके बिल्कुल उलट खबर है. केन्द्र की सत्ता पर काबिज आतंकवादी संगठन आरएसएस का अनुषांगिक संगठन भाजपा को मेटा कम्पनी भरपूर समर्थन दे रही है. इतना ही नहीं जो कोई भी इस आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लिखने की कोशिश करता है उसे यह न केवल प्रतिबंधित करने, लिखने से रोकने, लिखे गए पोस्ट को हटाने का ही काम करता है अपितु उस संबंधित व्यक्ति की जानकारी भी केन्द्र की इस आतंकवादी संगठनों तक पहुंचाता है, ताकि उसे प्रताड़ित किया जा सके.

पत्रकार गिरीश मालवीय लिखते हैं कि अमित मालवीय जो बीजेपी आई. टी. सेल के प्रमुख हैं, उनके कहने पर मेटा के इंस्टाग्राम से सात पोस्ट बिना वेरिफिकेशन किए हटा दी गई. इन पोस्ट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनाकर उनकी पूजा करने संबंधी एक फोटो पोस्ट किया गया था, जिसे अमित मालवीय द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद हटा दिया गया.

इसके बाद यह आश्चर्यजनक खुलासा हुआ कि अमित मालवीय को असल में भारत में मेटा के ‘क्रॉसचेक प्रोग्राम’ के तहत विशेषाधिकार मिले हुए हैं. मेटा उन्हें हाई प्रोफाईल यूजर का विशिष्ट दर्जा देता है. इस ‘क्रॉसचेक’ (XCheck) प्रोग्राम का पता तब चला जब सितंबर, 2021 को वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) ने ‘द फेसबुक फाइल्स’ शीर्षक से फेसबुक की सामग्री नीतियों के बारे में एक विस्तृत जांच की.

इस जांच से सामने आया कि फेसबुक द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला ‘एक्स-चेक’ या ‘क्रॉस-चेक’ प्रोग्राम, जो कथित तौर पर कंपनी के कुछ हाई-प्रोफाइल उपयोगकर्ताओं को विशेष सुविधाएं देता है. इन हाई-प्रोफाइल उपयोगकर्ताओं की सामग्री को फेसबुक के दिशानिर्देशों का पालन करने से छूट दी गई है.

इन ‘हाई-प्रोफाइल’ यूजर्स को इस सीमा तक विशेषाधिकार मिले हैं कि उन्हें कोई पोस्ट पसंद न आई तो वे उस पोस्ट हटवा सकते हैं और कंपनी इस बात की जांच तक नहीं करेगी कि यह जायज़ वजह से किया गया था या नहीं.

अब आप खुद ही अंदाजा लगा लीजिए कि भारत में एक पार्टी के आई. टी. प्रमुख को यह विशिष्ट सुविधा दी जा रही है तो भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कितना बडा खतरा उत्पन्न हो रहा है. क्योंकि भारत में मेटा के तीनों प्लेटफार्म इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्स एप पर लगभग देश की अस्सी फीसदी आबादी अपना बड़ा वक्त गुजार रही है.

कुछ दिनों पहले ही मैसेजिंग एप Telegram के फाउंडर पावेल ड्यूरोव ने दुनिया को चेताया है कि व्हाट्स एप एक सर्विलांस टूल है. पिछले महीने वॉट्सऐप द्वारा बताए गए सिक्योरिटी इश्यू पर प्रकाश डालते हुए ड्यूरोव ने कहा कि वॉट्सऐप, यूजर्स के डेटा को खतरे में डाल रहा है.

पावेल ड्यूरोव ने व्हाट्सएप यूजर्स को मैसेजिंग एप से दूर रहने की सलाह दी है और दावा किया है कि व्हाट्सएप यूजर्स के फोन को हैकर्स आसानी से हैक कर सकते हैं और उनके डाटा को भी एक्सेस कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि वह यूजर्स से टेलीग्राम इस्तेमाल करने के लिए नहीं कह रहे हैं, वे चाहे कोई भी मैसेजिंग एप इस्तेमाल करें, लेकिन व्हाट्सएप से दूर रहें. बता दें कि पहले भी कई बार पावेल व्हाट्सएप को लेकर अलर्ट रहने का दावा कर चुके हैं.

फेसबुक के बारे में तो हम शूरू से जानते आए हैं कि यह प्रोपगैंडा और गलत सूचनाओं को फैलाने में धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन इंस्टा और व्हाट्सएप के बारे में भी हमें अब पता चल गया है.

गिरीश मालवीय का विश्लेषण यहां समाप्त हो जाता है. अब हमारे पास दो देशों का रिपोर्ट कार्ड मौजूद है. एक रुस का, जहां रुस के खिलाफ नाजी गिरोह जेलेंस्की के समर्थन में मेटा खड़ा है, वहीं दूसरी ओर भारत है, जहां मेटा भारत की जनता के खिलाफ आतंकवादी गिरोह आरएसएस-भाजपा के साथ खड़ा है.

ऐसे में रुस की अदालत का यह आरोप सही प्रतीत होता है कि अभिव्यक्ति का सबसे बड़ा प्लेटफार्म मेटा दरअसल एक आतंकवादी और चरमपंथी संगठनों के साथ कदमताल कर रहा है और दुनिया भर में आम जनता के खिलाफ आतंकवादियों के पक्ष में, नाजियों के पक्ष में खुलकर सामने आ गया है. अगर मेटा अपनी आतंकवादी नीतियों में बदलाव नहीं करता है तब इस पर अपना विचार व्यक्त करना भी खतरनाक साबित होगा क्योंकि यह आपके तमाम डेटाओं को आतंकवादी संगठनों के साथ साझा कर रहा है.

गौरतलब हो कि मेटा कम्पनी पर रुस के लगाये प्रतिबंध को मेटा ने ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला’ की संज्ञा से नवाजा लेकिन उसके पास रुस के इस आरोप का कोई जवाब नहीं है कि

Read Also –

 

[ प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

Donate on
Donate on
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

नारेबाज भाजपा के नारे, केवल समस्याओं से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए है !

भाजपा के 2 सबसे बड़े नारे हैं – एक, बटेंगे तो कटेंगे. दूसरा, खुद प्रधानमंत्री का दिय…