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आखिरी वजूद पर सिमटता यूक्रेन : यूक्रेनी सेना का रूसी क्षेत्र कुर्स्क पर कब्जे का सच और जेलेंस्की का युद्ध बिजनेस

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आखिरी वजूद पर सिमटता यूक्रेन : यूक्रेनी सेना का रूसी क्षेत्र कुर्स्क पर कब्जे का सच और जेलेंस्की का युद्ध बिजनेस
आखिरी वजूद पर सिमटता यूक्रेन : यूक्रेनी सेना का रूसी क्षेत्र कुर्स्क पर कब्जे का सच और जेलेंस्की का युद्ध बिजनेस

अगले एक हफ्ते का समय यूक्रेन के लिए बहुत पीड़ादायक होने वाला है. कुर्स्क में अपनी फजीहत कराके जेलेंस्की अब यूक्रेन नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि सभी लोग परमाणु हमले के लिए जारी गाइडलाइंस का बखूबी पालन करें, यानि कि जेलेंस्की को पता चल गया है कि नाटो देशों के ‘चने के झाड़ पर चढ़ाने’ का फल सिर्फ यूक्रेनी नागरिकों के जीवन को तबाह करना है.

उधर रूसी सेना ने कुर्स्क पर ताबड़तोड़ हमले कर यूक्रेनी सैनिकों के सारे अड्डे व हथियार पूरी तरह ध्वस्त कर दिए हैं. पहले ही यह अंदेशा जताया गया था कि कुर्स्क में यूक्रेनी सैनिकों को पुतिन ब्रिगेड ट्रैप करने वाली है और लगभग चार हफ्ते से भी कम समय में यूक्रेनी सेना कुर्स्क में बुरी तरह मारी जा रही है.

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक बार फिर अपने मुल्क के मीडिया संस्थानों को सख्त हिदायत दी है कि हिजबुल्ला-हमास-हूथी द्वारा इजरायल के अंदर तक मारी गई मिसाइलों की खबर न ही छापें और न ही प्रसारण करें. अमरीकी मीडिया के अनुसार इजरायल इस समय हिजबुल्ला के सामने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. इजरायल की पूरी इकनामी व इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो चुकी है.

सउदी मीडिया इनपुट के अनुसार नेतन्याहू बहुत से मामलों में पुतिन की तरह जिद्दी दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन खाली जिद व कुर्सी की महत्वाकांक्षा ने इजरायली नागरिकों को भी पड़ोसी देशों में शरणार्थी बनने के लिए मजबूर कर दिया है. बहरहाल, यूक्रेन व इजरायल दोनों ही अब कई सालों के लिए अपनी कीर्ति से कोसों दूर बरबादी के गहरे रसातल में जा चुके हैं.

जेलेंस्की का युद्ध बिजनेस

जो लोग आरोप लगाते हैं कि हम रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर जेलेंस्की और यूक्रेनी नागरिकों के पलायन पर सहानुभूति नहीं रखते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि लाखों यूक्रेनी नागरिकों को पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर करना और हर रोज अनगिनत यूक्रेनी नागरिकों को मौत के साये में जीने को मजबूर करना स्वयं यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का अपना एक बिजनेस है और यह बिजनेस अभी लंबा चलने वाला है. इत्मीनान से पूरा वीडियो देखिए.

ताजा खबरों के अनुसार बीते कल सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे रूसी सेना ने एक साथ यूक्रेन के 28 शहरों में बारूदी हमला बोल दिया. यूक्रेनी सेना मुख्यालय कीव में पेंटागन ने आधे घंटे पहले आपात संदेश भेजकर सूचना दी कि रूसी सेना पूरे यूक्रेन पर एक साथ बमबारी करने जा रही है.

बताया जा रहा है कि रूसी सेना के इन हमलों में यूक्रेन को नाटो देशों से मिले 60 फीसदी से अधिक हथियार नष्ट हो चुके हैं, इन हमलों में कितने यूक्रेनी सैनिकों की मौत हुई इसकी सही जानकारी फिलहाल नहीं है लेकिन अनुमान जताया जा रहा है कि लगभग 3500 यूक्रेनी सैनिकों की मौत के साथ अधिकतर यूक्रेनी एयर डिफेंस सिस्टम तबाह हो चुके हैं.

जानकार इस हमले को जहां एक ओर यूक्रेन का कुर्स्क में घुसपैठ का बदला बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस हमले को रूस द्वारा यूक्रेन में अब तक का सबसे बड़ा हमला भी बताया जा रहा है. कुछ अन्य मीडियाई इनपुट के अनुसार कुर्स्क में पूरी यूक्रेनी सेना लगभग खत्म हो चुकी है. वहां सभी हथियारों पर रूसी सेना ने कब्जा जमा लिया है.

चार दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी के यूक्रेन दौरे के दरमियान जेलेंस्की ने भारतीय प्रधानमंत्री को दो-टूक शब्दों में कह दिया कि ‘भारत ने रूस से तेल खरीदकर रूस को हथियारों का भंडार बढ़ाने के लिए एक तरह से आर्थिक मदद की है. भारत पहले रूस से अपने सभी व्यापारिक संबंध खत्म करें, तभी भारत हमारी बराबरी में खड़ा होकर हमें हिदायत देने की योग्यता रख पायेगा.’

कुर्स्क में नाटो हथियार हुए धुआं धुआं

यूक्रेन बाडर से लगे रूस के कुर्स्क जोन में इस समय रूस-यूक्रेन युद्ध, फरवरी 2022 से अब तक का सबसे भीषण युद्ध चल रहा है. ताजा खबरों के मुताबिक रूसी सेना ने अपने एयर डिफेंस से कुर्स्क में अब यूक्रेनी सैनिकों की घुसपैठ को बंद कर दिया है. यूक्रेनी सैन्य पोस्ट कमांडिंग सेंटर के एक सर्कुलर अधिकारी ने बताया –

‘कुर्स्क में यूक्रेन के कुल 10,900 सैनिक पहुंच चुके थे, जिसमें से 3700 यूक्रेनी सैनिक, रूसी हमलों में हताहत हो चुके हैं और 1383 घायल हैं. हम कह सकते हैं कि इस समय कुर्स्क में हमारे 6000 यूक्रेनी सैनिक अपने हौसले का लोहा मनवा रहे हैं.’

कुर्स्क में रूस की स्पेशल मिलिट्री फोर्स ने ब्रिटेन के चेलेंजर टैंक-2, अमरीका के पेट्रियट व हिमार्स जैसे टैंकों के परखच्चे उड़ा दिए हैं. उधर अमरीकी सेना मुख्यालय पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा –

‘यूक्रेन के पास सैनिकों की भारी किल्लत है. यूक्रेन ने संवेदनशील जगहों से अपने सैनिकों को उठाते हुए कुर्स्क में भेजकर रूस के लिए कई जगहों से घुसने के रास्ते आसान कर दिए हैं. बीती रात रूस ने सूमी क्षेत्र में प्रलयकारी हमले कर यूक्रेन के कई सौ किलोमीटर जमीन पर कब्जा जमा लिया है…’.

पश्चिमी मीडिया ने दावा किया है कि कुर्स्क में यूक्रेनी सेना ने 7 दर्जन गांव कस्बों पर यूक्रेनी झंडा फहराते हुए रूस के सुदजा जोन में भी दाखिला ले लिया है‌. जबकि इस पर एक रूसी अधिकारी ने बताया कि खुफिया इनपुट के आधार पर कुर्स्क व सुदजा क्षेत्रों से दो हफ्ते पहले ही सभी रूसी नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. वहां सभी घर खाली पड़े हुए हैं, खाली पड़े घरों पर कब्जे का क्या मतलब है.

उधर रूस के एक उच्च पदस्थ सैन्य अधिकारी ने कहा है कि जेलेंस्की को मार देना ही अब एक मात्र रास्ता बचा है. रूसी सैन्य अधिकारी के इस सार्वजनिक टिप्पणी से नाटो मुख्यालय ब्रुसेल्स व पेंटागन दोनों में सन्नाटा पसर गया है क्योंकि रूसी सेना द्वारा इन तीन सालों के युद्ध में पूर्व घोषणा के तौर पर किसी भी बड़े यूक्रेनी सैन्य अधिकारी को नहीं मारा गया है लेकिन कुर्स्क में जेलेंस्की के दुस्साहस व क्रेमलिन में पुतिन की चुप्पी से यूरोप में किसी बहुत बड़ी अनहोनी का अनुमान लगाया जा रहा है.

इतना तो तय है यदि जेलेंस्की ये सोचकर कुर्स्क व सुदजा जोन पर कब्जा कर रहे हैं कि इससे पुतिन को यूक्रेन के हिस्सों को छुड़ाने के लिए ब्लैकमेल किया जाएगा तो जेलेंस्की अव्वल दर्जे के नासमझ हैं. पिछले चार दिन पहले ही पुतिन ने यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों व नाटो सैन्य अधिकारियों को ‘परमाणु आतंकवादी’ करार दिया है और पुतिन ने ये भी कहा कि –

‘हम अपने शत्रुओं को माफ करने के बारे में सोच भी नहीं सकते. हमारे दुश्मनों को अपने सभी खूनी दुस्साहसों की कीमत चुकानी ही होगी.’

यूक्रेन के डेढ़ लाख सैनिकों की कुर्स्क जोन में दर्दनाक घेराबंदी

दौलतशाहों के इशारों पर नाचती हुई दुनिया की राजनीति सिर्फ आह और चीत्कारों का एक बियाबान समय है. इस बियाबान समय के आगे पृथ्वी का सबसे अक्लमंद प्राणी – मनुष्य, जीवन के बुनियादी मूल्यों से परे अपने मानवीय कर्तव्यों को तिलांजलि देकर अधोपतन के गहरे रसातल में जा पहुंचा है. जहां दौलत पर एकाधिकार के लिए मनुष्य और मशीनों में युद्ध कराकर षड्यंत्रकारी शासकवर्ग, विक्षिप्त लूट पर सवार ऐश्वर्य के बुलंद संसाधनों पर कब्जा कर लेना चाहता है और विनाशकारी मशीनों के साथ अवश्यंभावी मृत्यु के आगे झोंक दिए गए इन युद्धों में आमने सामने सिर्फ मजदूर किसानों के बेटे ही होते हैं.

‘स्वप्नदंशी थैलीशाहों’ के विरुद्ध मेहनतकश मजदूर, किसान, महिलाओं के जीवन संघर्षों का इतिहास हमेशा ही बेहद मर्माहत रहा है, बावजूद इसी संघर्ष की अनुगूंज में पवित्र युद्ध व बुलंद सभ्यताओं का सर्वस्व भी छिपा रहता है.

बहरहाल, देश दुनिया के फलसफे पर जनसंघर्ष व विनाशकारी युद्ध जारी हैं. जहां एक ओर हिजबुल्ला ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव तक को राकेट व मिसाइलों से पाट दिया है, वहीं दूसरी ओर गाजा क्षेत्र में रुक-रुक कर इजरायली सेना व हमास योद्धाओं में संघर्ष एक बार फिर उफान पर है. रूस के एक सेवानिवृत्त उच्च पदस्थ खुफिया अधिकारी जोरासोव जीत्से ने इजरायली सेना पर तंज कसते हुए टिप्पणी की है कि –

‘गाजा पट्टी के 68 किमी क्षेत्र से जब इजरायली सेना को हमास को खत्म करने में एक साल का समय लग गया है तब कथित अविजेय इजरायली सेना से और क्या उम्मीद की जा सकती है.’

उधर रूस का कुर्स्क जोन 80 साल बाद एक बार फिर महायुद्ध का गवाह बनने जा रहा है. 80 साल पहले 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध का जर्मन नाजियों व रूसी लाल सेना के बीच सबसे बड़ा ऐतिहासिक युद्ध इसी कुर्स्क में हुआ था, जिसमें सोवियत लाल सेना ने कुर्स्क में 32000 सैनिकों से लैस पूरी नाजी फौज का खात्मा कर दिया था. बीते दो दिन पहले कुर्स्क में फ्रंट लाइन पर युद्धरत चेचन्य सेना द्वारा 13 घंटे के अंदर 304 यूक्रेनी सैनिकों को ढेर करने के मद्देनजर चेचन्य सेना प्रमुख रमजान कादिरोव ने हौसला अफजाई करते हुए कहा कि –

‘कुर्स्क एक एतिहासिक क्षेत्र है यहां पर दूसरे विश्व युद्ध का बड़ा युद्ध लड़ा गया था जिसमें लाल सेना ने पूरी नाजी फौज को खत्म कर दिया था, तब भी जीत मास्को की हुई थी और अब भी जीत मास्को की होगी.’

तीन दिन पहले लीक हुई नार्वे की केन्द्रीय खुफिया एजेंसी KRIPOS की एक रिपोर्ट के मुताबिक नार्वे के एक आला खुफिया अधिकारी ने नाटो सैन्य अधिकारियों को एक गुप्त जानकारी साझा करते हुए कहा है कि-

‘कुर्स्क में यूक्रेनी सैनिकों की घुसपैठ और वहां के एक हजार किलोमीटर भू-भाग पर कब्जा बगैरह सब पुतिन की चाल है. पुतिन कुर्स्क में यूक्रेन के शेष बचे सैनिकों का एक ही झटके में सफाया कर देना चाहते हैं. इसके लिए क्रेमलिन ने आपात बैठक में पूरा खाका खींच लिया है. यूक्रेन सेना कमांडर ने कुर्स्क में अपने 4 आर्मी डिवीजन को झोंक दिया है. यूक्रेन सेना कमांडर की सैन्य गतिविधियां संदिग्ध हैं…’.

बहरहाल युद्ध जारी है‌. पश्चिमी मीडिया के मुताबिक बीते 52 घंटों के अंदर रूसी सेना ने कीव से सटे इलाकों के 13800 किमी भू-भाग पर कब्जा जमा लिया है. रूसी सेना तेजी से कीव व आसपास के इलाकों पर कब्जा कर रही है.

खबरों के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में यूक्रेन के अलग-अलग युद्ध क्षेत्रों में 10377 यूक्रेनी सैनिकों को ढेर कर दिया गया है. ये अलग बात है इस समय रूसी सेना कुर्स्क जोन के खाली पड़े मकानों में छिपे यूक्रेनी सैनिकों को पीड़ादायक मौत परोस रही है.

यूक्रेनी सैनिक रूसी सेना के एक ऐसे ट्रैप में फंस चुके हैं जहां उनकी मदद के लिए कोई भी यूक्रेनी सैन्य टुकड़ी तक नहीं पहुंच सकती. पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का दावा है कि पुतिन ने कुर्स्क में डेढ़ लाख यूक्रेनी सैनिकों को मौत के घाट उतारने का जिम्मा सौंप रखा है.

नाटो ने फंसा दिया यूक्रेनी सैनिकों को कुर्स्क में

पिछले हफ्ते मंगलवार को 1000 यूक्रेनी सैनिक नाटो से मिले हथियारों के जखीरे के साथ रूस के कुर्स्क में जा धमके थे, इसके बाद वहां नाटो देशों के सैनिक यानि विदेशी सैनिकों ने भी यूक्रेनी सैनिकों का साथ देने के लिए पहुंचना शुरू कर दिया था.

जैसा कि हम बता चुके हैं कि रूस यूक्रेन सीमा पर कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सेना को ट्रैप करने के लिए रूसी सेना ने कुर्स्क में प्रत्यक्ष तौर पर सैन्य निगरानी हटा ली थी. यूक्रेनी सेना बिना सोचे समझे कुर्स्क में घुस गई थी. अब रूस की स्पेशल मिलिट्री फोर्स चुन चुन कर यूक्रेनी सैनिकों को मार रही है.

रूसी सेना का लक्ष्य नाटो से मिले टैंक, रोबोटिक बख्तरबंद गाड़ियां व सभी तरह के हथियारों के बहुत बड़े भंडार को भस्म करना था और रूसी सेना इस पर कामयाब हो चुकी है. वैसे भी यूक्रेन के पास पूर्ण प्रशिक्षित सैनिक नहीं बचें हैं. जेल से सीधे फ्रंट लाइन में झोंके जा रहे कैदियों के साथ गांव कस्बों शहरों से जबरन पकड़ लाये गये नागरिकों को सतही ट्रेनिंग देकर फौजी वर्दी में फ्रंट लाइन पर भेजा जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने यूक्रेन के इस क्रूर हरकत पर संयुक्त राष्ट्र से रोक लगाने की मांग भी की है.

जेलेंस्की हताश हैं, इस हताशा में नाटो देश, यूक्रेनी सैनिकों को रूसी क्षेत्र में घुसाकर जेलेंस्की के हौसले का सिर्फ पोस्टमार्टम ही कर रहे है और अपनी इस अंतर्राष्ट्रीय दुर्गति को जेलेंस्की साफ महसूस भी कर रहे हैं लेकिन नाटो का पुछल्ला बनने में सबका यही हस्र रहा है, इसे जेलेंस्की जान कर भी अब कुछ नहीं कर सकते.

यूक्रेनी सेना का रूसी क्षेत्र कुर्स्क पर कब्जे का सच

बीते तीन दिन पहले मंगलवार की रात को यूक्रेन के 1000 सैनिकों के जत्थे ने यूक्रेन सीमा से सटे रूसी क्षेत्र कुर्स्क पर धावा बोलकर वहां के आधे दर्जन गांवों पर कब्जा कर लिया है. सैन्य संघर्ष के दौरान जहां एक ओर 50 रूसी सैनिकों को यूक्रेनी सेना के आगे सरेंडर करना पड़ा, वहीं रूसी सेना के बदले की कार्रवाई में 100 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों को जान से हाथ धोना पड़ा है. कुर्स्क क्षेत्र में न्यूक्लियर पावर प्लांट पर यूक्रेनी हमले की आशंका जताई जा रही है. कई लोगों ने रूस-यूक्रेन युद्ध के इन 30 महीनों में इसे सबसे बड़ी घटना करार दिया है.

युद्ध है और युद्ध में कई बार ऐसी रणनीतियां अपनाई जाती हैं, जिससे शत्रु देश का ध्यान भटकाना जरूरी हो जाता है और पुतिन ब्रिगेड इस मामले में शत्रु को डाल-डाल और खुद को पात-पात साबित करती रही है. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की युद्ध अनुभव के मामले में भ्रूणावस्था में विचरण कर रहे हैं.

नाटो देश जेलेंस्की को नये नये हथियार देकर युद्ध में अपने हथियारों की परख करते हैं लेकिन जैलेंस्की द्वारा रूस को अपने घातक हमलों से दहलाने के एवज में हमेशा ही अपने मुल्क के कई किलोमीटर भू-भाग को ‘पीड़ादायक रूसी चपेट’ में छोड़ते रहना पड़ा है.

जब पुतिन को मालूम है कि यूक्रेन को F-16 फाइटर जेट मिल चुके हैं, तब ऐसा कैसे हो सकता है कि पुतिन द्वारा पूरे यूक्रेनी बाडर को सील कर दिए जाने के बाद यूक्रेनी सैनिक अपने टैंक तोपों के साथ रूसी जमीन पर घुस आयें ? यह सिर्फ रूस द्वारा यूक्रेनी सेना को ट्रैप में फंसाने की एक रणनीति थी, जिस पर यूक्रेनी सेना फंस चुकी है.

इस समय पुतिन के आदेश पर कुर्स्क जोन में चेचन्य सेना यूक्रेनी सैनिकों के साथ भिड़ी हुई है. खबर है कि कुर्स्क में यूक्रेनी सेना में भगदड़ मची हुई है जिसमें 89 यूक्रेनी सैनिकों का सरेंडर करने की भी खबर है और यूक्रेनी सैनिक नाटो देशों से मिले हथियारों को छोड़कर सुज्दा इलाके से सटे जंगलों में भाग रहे हैं. उधर यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों ने एक हजार यूक्रेनी सेना के रूसी क्षेत्र में घुसने को जल्दीबाजी वाली कार्रवाई करार दिया है.

उधर रूसी सेना ने राजधानी कीव के निकट नाटो देशों से मिले 3 हथियार डिपो तबाह कर दिए हैं, जिसमें 379 यूक्रेनी सैनिकों के मारे जाने की खबर है. यूक्रेनी सैन्य अधिकारी मेजर जनरल दुस्तोव मार्गेवा ने यूक्रेन में फ्रंट लाइन में सैनिकों की भारी कमी बताई है. पुतिन हमेशा की तरह जेलेंस्की से गलती करवाते हैं फिर यूक्रेनी जमीन को हड़प जाते हैं, इस समय यूक्रेन के 30 फीसदी हिस्से पर क्रेमलिन शासन चल रहा है.

क्रेमलिन का कहना है कि रूस परमाणु हमला नहीं करेगा लेकिन अगर F16 ने रूस की तरफ निशानदेही की तो रूस इसे परमाणु हमला मानेगा और अगले ही पल राजधानी कीव सहित पूरे यूक्रेन को परमाणु हमले से पृथ्वी से मिटा दिया जायेगा. बहरहाल, युद्ध जारी है नाटो देशों को छकाते हुए घुटनों पर लाने के लिए जिनपिंग-किमजोंग और पुतिन के पिटारों में अचंभित करने वाली अभी बहुत सारी विनाशकारी रणनीतियां सहेजकर रखी हुई हैं.

  • ए. के. ब्राईट

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ROHIT SHARMA

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