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वक्त आ गया है साथी…

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वक्त आ गया है साथी...
वक्त आ गया है साथी…

वक्त आ गया है साथी
हम अब लेनिन और माओ बनें
और वैसे ही अपने देश में क्रांति सम्पन्न करें
जैसे उन्होंने रूस और चीन में किया था

समय ने सारी जिम्मेदारियां
अब हमारे कंधों पर डाल दिया है
अब हमें बोलना भी होगा
लिखना भी होगा
बंदूक ले कर लड़ना भी होगा
पहाड़ों को चिरना भी होगा
नदियों को लांघना भी होगा
कदम-कदम पर जनता का नेतृत्व भी करना होगा

हम जहां है वहीं से आगे बढ़ना होगा
खुद रास्ता तय करना होगा
अब कोई नहीं बचा है जो
गलती हो जाने पर राह दिखाये
उदास हो जाने पर कंधे थपथपाये
अपने आंसुओं को तब तक रोकना होगा
जब तक क्रान्ति पूरी नहीं हो जाये

हम जो बचे हैं
वही उम्मीद हैं
इस देश के
मेहनतकश जन के
तो आओ साथी
इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को उठायें
अब हम कुछ वैसा कर के दिखायें
जिसकी देश को सख्त जरुरत है.!

  • विनोद शंकर
    16/4/2022
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