‘देश नही बिकने दूंगा’ कहने वालो ने आज उन 28 सरकारी कंपनियों की लिस्ट जारी की है, जिसे वह बेचने जा रहे है
- स्कूटर्स इंडिया लि.,
- ब्रिज ऐंड रूफ कंपनी इंडिया लि,
- हिंदुस्तान न्यूज प्रिंट लि.,
- भारत पंप्स ऐंड कम्प्रेसर्स लि,
- सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि.,
- सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लि,
- भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड,
- फेरो स्क्रैप निगम
- पवन हंस लिमिटेड,
- एअर इंडिया और उसकी पांच सहायक कंपनियां और एक संयुक्त उद्यम,
- एचएलएल लाइफकेयर,
- हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लि.,
- शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया,
- बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड.
- नीलांचल इस्पात निगम लिमिडेट
- हिंदुस्तान प्रीफैबलिमिटेड (HPL),
- इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड,
- भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन
- कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR)
- एनएमडीसी का नागरनकर स्टील प्लांट,
- सेल का दुर्गापुर अलॉय स्टील प्लांट, सलेम स्टील प्लांट और भद्रावती यूनिट.
- टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL)
- इंडियन मेडिसीन ऐंड फार्मास्यूटिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (IMPCL),
- कर्नाटक एंटीबायोटिक्स,
- इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (ITDC) की कई ईकाइयां
- नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO)
- प्रोजेक्ट ऐंड डेवलपमेंट इंडिया लि.
- कामरजार पोर्ट
मार्च का मध्य हिस्सा भारतीय इकनॉमी के दशा और दिशा तय करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण सिद्ध होने वाला है, इसके तीन प्रमुख कारण है –
1. यस बैंक
यस बैंक को 14 मार्च तक की डेडलाइन दे दी गई है. इस अवधि तक उसे 2 अरब डॉलर का फण्ड जुटाना है. यस बैंक भारतीय बैंकिंग सिस्टम के लिए खतरा बन चुका है.
बैंक का 36 फीसदी कैपिटल बैड लोन में फंसा हुआ है. अभी बैंक के लोन डूबने की आशंका ज्यादा है. यस बैंक यदि 14 मार्च तक 2 अरब डॉलर नहीं जुटा पाता है तो सरकार और RBI मिलकर यस बैंक को Interim Bailout कर सकते हैं क्योंकि अगर यह बैंक डूबा तो इकोनॉमिक ग्रोथ को तगड़ा झटका लगेगा जो पहले से ही मुश्किल में है. लेकिन यदि प्राइवेट बैंक को बेलआउट किया गया तो अन्य बैंको को भी इसी तरह से बेल आउट करना होगा, जो मोदी सरकार के FRDI बिल प्लान के खिलाफ है.
2. एयर इंडिया
एयर इंडिया की बोली लगाने की अंतिम तारीख 17 मार्च है. अभी तक किसी भी बोलीदाता ने अपना ऑफर जमा किया है, ऐसी कोई सूचना नही है. कल केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने घोषणा की है कि एयर इंडिया का पूरा-पूर अधिग्रहण (100 फीसदी) नॉन रेसिडेंट इंडियन (NRIs) भी कर सकते हैं.
एयरक्राफ्ट रूल्स’ कहता है कि किसी विमान सेवा कंपनी में विदेशी कंपनी की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती. साफ है कि अभी तक किसी भी कम्पनी ने बोली नही लगाई है, तभी सरकार यह NRI को छूट देने की बात कर रही है. मोदी सरकार ने बोलीदाताओं की आपत्तियों पर समाधान के लिए पहले 27 जनवरी तक समय दिया था. इसके बाद अंतिम तिथि बढ़ाकर 11 फरवरी कर दी और बोलीदाताओं से लिखित में सवाल मांगे.
इस पर सार्वजनिक संपत्ति निवेश एवं प्रबंधन विभाग (दीपम) ने 21 फरवरी को स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया. इसमें 20 सवालों पर विभाग की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया था. अब दीपम ने कहा है कि लिखित सवाल दाखिल करने का समय एक बार फिर बढ़ाकर 6 मार्च, 2020 कर दिया गया है. अब तक किसी कम्पनी ने ये सवाल किए हैं, ऐसी कोई सूचना नही है.
एयर इंडिया पर कुल 55 हजार करोड़ का कर्ज है लेकिन जब इसके लिए बोली आमंत्रित की जाएगी, तो उसमें एयर इंडिया खरीदने वाली कम्पनी के खातों में 18,000 करोड़ का कर्ज ही दिखाया जाएगा.इसके बावजूद भी खरीदार नही मिलना, भारतीय अर्थव्यवस्था की असली हालत बयान कर देता है.
3. टेलीकॉम कंपनियों पर AGR का बकाया
सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों पर AGR की रकम डेढ़ लाख करोड़ रुपये को जमा करने की आखिरी तारीख 17 मार्च दी है. इस सिलसिले में तीन दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज ने साफ कर दिया है कि उन्होंने इस बकाया रकम का स्वमूल्यांकन किया है और उनके हिसाब से जितना पैसा सरकार का निकलता था, वह जमा कर चुकी हैं.अब एक बार फिर से गेंद सरकार के पाले में है.
इन तीनो मामलो पर सरकार क्या रुख अपना रही है, उसे कुछ दिनों में ही साफ करना होगा. आखिरी तारीख का इंतजार घातक होगा, यह तीन मामले अर्थव्यवस्था का भविष्य तय करेंगे.
Read Also –
[ प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें]