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प्रतिशोध

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लाशों के भी नाखून बढ़ते हैं

अगर अंतिम क्रिया को तुमने
दो चार दिन टाल दिया
या, अगर किसी वजह से कोई लाश
कुछ दिनों तक
किसी को नहीं मिली
तो उस मौक़े का फ़ायदा उठाकर
बढ़ जाते हैं उसके
हाथ और पांव के नाखून

मुझे नहीं मालूम कि
अतृप्त आत्माएं प्रतिशोध लेती हैं या नहीं

मुझे नहीं मालूम कि
कौन-सी आत्मा मृत्यु को सहज रूप से लेती हैं

लेकिन
लाशों के भी नाखून बढ़ते हैं

शायद
वे नोच कर फाड़ देना चाहते हैं
उन मुखौटों को
जिन्हें वे ता-उम्र चेहरे पर लगाते रहे

शायद
वे बेनक़ाब करना चाहते हों
उन ताक़तों को
जिन्होंने उसे किसी जानवर की तरह
बांध कर घसीट कर ले आए
उनके वध स्थल तक

लाशों के नाखून बढ़ने की कई वजहें हो सकती हैं
लेकिन
एक बात तो तय है कि
कफ़स की सख़्त दीवारों पर उभरे हुए
नाखून के निशान
यातनाओं की कहानियां
चित्र लिपि में बतातीं हैं

मृत्यु से भी ज़्यादा भयावह होते हैं ये चित्र

ऐसे ही बढ़े हुए नाखूनों वाले
गुमनाम लाशों को जलाने के बाद
घटवार संभाल कर रख लेते हैं
बिन जले प्रोस्थ्टिक

स्टील के बने कुल्हे की हड्डियां
पांव में घुसेड़े हुए स्टील के रॉड
या कोई पेसमेकर

बेच देता है कबाड़ के भाव
कबाड़ी अपने सख़्त नाखून से
खुरच खुरच कर हटाता है
उन पर लगी कालिख़

लाशों के बढ़े हुए नाखून
गुम हो जाते हैं धीरे-धीरे
मनुष्य की स्मृतियों से

फिर
एक और होलोकॉस्ट की तैयारी में
लग जाते हैं हम

  • सुब्रतो चटर्जी

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