Home कविताएं जिस दिन हमारी मांओं ने अपनी प्रेम कहानियां लिखनी शुरू कर दी…

जिस दिन हमारी मांओं ने अपनी प्रेम कहानियां लिखनी शुरू कर दी…

0 second read
0
0
154

मां तो मां ही होती है
लेकिन एक दिन
मां की एक पुरानी सहेली ने हमसे यूं ही कहा
तुम्हारी मां जब जवान थी तो बहुत ही खूबसूरत थी !

ओह !
ऐसे तो मां के बारे में मैंने कभी सोचा ही नहीं था.

मेरी मां अगर खूबसूरत थी
तो उसके प्रेम के किस्से भी होंगे.
हम दोस्तों की तरह उसके भी कुछ दोस्त होंगे
जिनमे लड़कियां भी होंगी और लड़कें भी.
मां का एक नाम भी होगा.

अभी तो हमने मां के नाम को ‘म्यूजियम’ में रख दिया है
जहां कभी कभी हम घूम आया करते हैं
और यह सोच कर गर्व करते हैं कि
हमे अपनी मां का पूरा नाम पता है.
लेकिन अब आश्चर्य होता है, यह सोचकर
कि कभी उसे उसके नाम से ही पुकारा जाता होगा.

लेकिन अंततः
अपने प्रेम को दफना कर,
दोस्तों को पीछे छोड़ कर
अपने नाम को एक पोटली में लपेटकर,
बहती नदी में फेंककर
वह ससुराल आयी होगी !

शायद कभी कभी
वह सबकी नजर बचाकर
अपनी कब्र पर लौटती भी हो,
कुछ सफेद फूल भी चढ़ाती हो
शायद कभी वह नदी किनारे अकेले बैठती भी हो
इस इंतजार में कि शायद धारा पलट जाए
और उसे उसके नाम वाली पोटली दिख जाए.

आजकल तो खुदाई का फैशन है
लेकिन क्या हमारे अंदर वह साहस है
कि हम अपनी मां के अतीत की खुदाई करें.
और हर उस चीज के फासिल्स की तलाश करें
जिसका ‘मां की गरिमा’ ने गला घोंट दिया है.
क्या हम अपनी मांओं को अपनी प्रेम कहानी
लिखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं ?

इतना तो तय है,
जिस दिन हमारी मांओं ने
अपनी प्रेम कहानियां लिखनी शुरू कर दी
उस दिन पुरुष सत्ता की चूले तो हिलेंगी ही
लेकिन, उनकी बेटियों के जीवन में बसंत आ जायेगा !

  • मनीष आजाद

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • विष्णु नागर की दो कविताएं

    1. अफवाह यह अफवाह है कि नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं अमित शाह गृहमंत्री आरएसएस हि…
  • मी लॉर्ड

    चौपाया बनने के दिन हैं पूंछ उठा कर मादा गिनने के दिन गए अच्छा है कि मादा के अपमान से बाहर …
  • मां डरती है…

    मां बेटी को फोन करने से डरती है न जाने क्या मुंह से निकल जाए और ‘खुफ़िया एजेंसी’ सुन ले बाप…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

विष्णु नागर की दो कविताएं

1. अफवाह यह अफवाह है कि नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं अमित शाह गृहमंत्री आरएसएस हि…