Home केन्द्र को न अर्थव्यवस्था की चिंता है और न ही गिरते रुपये की, उसे तो सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने की फिक्र है - नरेन्द्र मोदी dollar vs inr
-
पूंजीपति सरकारी संरक्षण में सरकारी पैसे से सरकारी संपत्तियां खरीदकर धनकुबेर बन रहे हैं
फर्ज कीजिए एक बगीचा है जिसका माली सारे छोटे-छोटे पौधों, घास, फूल, झाड़ी इत्यादि के हिस्से क… -
मोबाइल, सोशल मीडिया और रील्स
पिछले साल पटना के एक युवक का आइएएस में चयन हुआ तो पत्रकार लोग उसका इंटरव्यू लेने पहुंचे. ए… -
साधु-महात्मा योगगुरुओं के रूप में ठगों का भरमार है, जो भारतीय फासीवाद का जबरदस्त समर्थक है
60 से 70 के दशक में भारतीय बाबा और गुरुओं के बाजार में सर्वप्रथम ‘महेश योगी’ ए… -
मान लिया कि प्रशांत किशोर अभिनेता है लेकिन…
जन सुराज के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखा, ‘ध्वस्त शिक्षा और भ्रष्ट परीक्षा के खिलाफ प्रश…
Load More Related Articles
-
मोबाइल, सोशल मीडिया और रील्स
पिछले साल पटना के एक युवक का आइएएस में चयन हुआ तो पत्रकार लोग उसका इंटरव्यू लेने पहुंचे. ए… -
साधु-महात्मा योगगुरुओं के रूप में ठगों का भरमार है, जो भारतीय फासीवाद का जबरदस्त समर्थक है
60 से 70 के दशक में भारतीय बाबा और गुरुओं के बाजार में सर्वप्रथम ‘महेश योगी’ ए… -
मान लिया कि प्रशांत किशोर अभिनेता है लेकिन…
जन सुराज के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखा, ‘ध्वस्त शिक्षा और भ्रष्ट परीक्षा के खिलाफ प्रश…
Load More By ROHIT SHARMA
-
पूंजीपति सरकारी संरक्षण में सरकारी पैसे से सरकारी संपत्तियां खरीदकर धनकुबेर बन रहे हैं
फर्ज कीजिए एक बगीचा है जिसका माली सारे छोटे-छोटे पौधों, घास, फूल, झाड़ी इत्यादि के हिस्से क… -
मोबाइल, सोशल मीडिया और रील्स
पिछले साल पटना के एक युवक का आइएएस में चयन हुआ तो पत्रकार लोग उसका इंटरव्यू लेने पहुंचे. ए… -
साधु-महात्मा योगगुरुओं के रूप में ठगों का भरमार है, जो भारतीय फासीवाद का जबरदस्त समर्थक है
60 से 70 के दशक में भारतीय बाबा और गुरुओं के बाजार में सर्वप्रथम ‘महेश योगी’ ए… -
मान लिया कि प्रशांत किशोर अभिनेता है लेकिन…
जन सुराज के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखा, ‘ध्वस्त शिक्षा और भ्रष्ट परीक्षा के खिलाफ प्रश…
Load More In
Check Also
मोबाइल, सोशल मीडिया और रील्स
पिछले साल पटना के एक युवक का आइएएस में चयन हुआ तो पत्रकार लोग उसका इंटरव्यू लेने पहुंचे. ए…