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तलवार

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तलवार
मुसलमानों पर ही नहीं है

तलवार
दलितों पर ही नहीं है

तलवार
बस्तर के जंगल पर ही नहीं है

तलवार
घाटी में ही नहीं है

तलवार
कहीं पर किसी पर हो सकती है

तलवार
तलवार होती है

तलवार
कोई फ़र्क़ नहीं करती
लोहार, सोनार, मजबूर
मजदूर किसान में

आप की तकसीम
महंगी पड़ सकती है

कल
तलवार की जद में
आप की भी गरदन हो सकती है

  • राम प्रसाद यादव

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