ईवीएम और हत्याओं के सहारे कॉरपोरेट घरानों की कठपुतली बनी देश का लोकतंत्र
क्या ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के जरिये दलित वोटों को उनके उत्पीड़क ब्राह्मणवादियों के पक्ष में इस्तेमाल करके ब्राह्मणवाद को कायम रखा जा सकता है ? क्या ईवीएम के इस्तेमाल से पिछड़ों व अल्पसंख्यकों का वोट फासीवाद को और मजबूत बनाने में किया सकता है ? तो क्या जो काम पहले कुछ दबंग नेता लठैतों के दम पर बूथ कैप्चरिंग …