‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भारतीय अवधारणा बनाम राष्ट्रवाद
भारतीय दर्शन की विशुद्ध देशी अवधारणा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को खारिज कर पश्चिमी जगत के घृणा पर आधारित विदेशी दर्शन की अवधारणा ‘राष्ट्रियता’ को तरजीह देने वाली आरएसएस जब भारतीय संस्कृति की दुहाई देती है, तब साजिश की तीखी बू उभर कर सामने आती है. लेखक व चिंतक विनय ओसवाल अपने गंभीर अध्ययन के बाद इस लेख के माध्यम से महत्वपूर्ण …