'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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‘अदालत एक ढकोसला है’

विक्रम सिंह चौहान अपनी एक पोस्ट को शेयर करते हुए लिखते हैं : संजीव भट्ट की पत्नी और उनका परिवार संजीव की रिहाई के लिए कभी हाई कोर्ट तो कभी सुप्रीम कोर्ट का चक्कर काट रहे हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फिर से बेल एप्लिकेशन को एक तरह से रिजेक्ट करते हुए गुजरात सरकार से 4 हफ़्तों में जवाब …

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