देश में उभरता साम्प्रदायिक फासीवाद और उसके खतरे
‘‘साम्प्रदायिकता को सीधे सामने आने में लाज लगती है, इसलिए वह राष्ट्रवाद का चोला ओढ़कर आती है.’’ – प्रेमचंद ‘‘यदि हिन्दू राज बनता है तो इस बात में कोई सन्देह नहीं कि यह देश के लिए सबसे बड़ी विपत्ति होगी. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि हिन्दू क्या कहते हैं, लेकिन हिन्दूवाद स्वतंत्रता, समानता व भाईचारे के लिए बहुत …