नक्सलवादी हिंसा की आड़ में आदिवासियों के खिलाफ पुलिसिया हिंसा और बलात्कार का समर्थन नहीं किया जा सकता
बच्चे तक के हाथ की ऊंगलियां काट ली पुलिस ने जब मानवाधिकार कार्यकर्ता सरकारी सुरक्षा बलों और पुलिस द्वारा आदिवासियों की हत्या का मामला उजागर करते हैं, तो भक्त-गण तुरंत आकर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि तुम तब क्यों नहीं बोलते जब नक्सली मारते हैं ? आजकल भक्तगणों के साथ कुछ पुलिस वाले और अर्धसैनिक बलों के अफसर भी …