'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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आदिवासियों का धर्म

दस करोड़ से अधिक आबादी वाले आदिवासी अभी भी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं जातीय रूप से उचित अध्यात्मिक पहचान यदि कोई है जिसे उनके धर्म का नाम दिया जा सके, उसे खोज रहे हैं. पुरातत्व एवं सांस्कृति के क्षेत्र में इतिहासकार व मानव विज्ञानी द्वारा किये गए खोज, अध्ययन अनुसार ये स्थापित तथ्य है कि आदिवासी जैसा कि इस शब्द का …

धर्म और हमारा स्वतन्त्रता संग्राम

[ इतिहास खुद को दुहराता है, यह कथन आज भी चरितार्थ है जब देश धार्मिक उन्माद में फंस कर अपना हित-अहित सब भूलकर धर्म के नाम पर सबकुछ कुर्बान कर देने पर उताबला हो गया है. भारतीय राजसत्ता का फासीवादी चरित्र हिन्दुत्ववादी मुखौटा ओढ़कर जब अपने ही देशवासी के खिलाफ षड्यंत्र करता नजर आता है और गरीबों-पीड़ितों के खून-पसीने के …

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