‘राष्ट्र का विवेक’ क्या मृत्यु-शैय्या पर पड़ा है ?
[यह आलेख ईपीडब्ल्यू में आनन्द तेलतुम्बड़े के कॉलम ‘मार्जिन स्पीक’ बंद कर देने के बारे में है, परन्तु आनन्द तेलतुम्बडे को ईपीडब्ल्यू जैसी प्रतिष्ठित पत्रिका से निकाले जाने का सिलसिला न तो आखिरी है और न ही पहली. पुण्य प्रसून वाजपेयी का बार-बार मीडिया से निकाला गया, अभिषार शर्मा को निकाला गया, गौरी लंकेश की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. …