आजादी
मन मस्त हवा के पंखों से मत पूछ आजाद उड़ानें कैसी हैं कैसी हैं चंचल पतवारें, सागर में गोते खाते आजाद ये मौजें कैसी हैं मदमस्त जीवन का संगीत तराना सारा सरगम गीत की प्रीतें ये कैसी हैं धरती अम्बर के मिलन बिन्दु पर आजाद ख्याल की बीछी सीमाएं कैसी हैं हम नए युग के वाशिंदे बधे बहो पास से …