महागठबंधन एक मजबूरी है वैकल्पिक राजनैतिक ताकत का, पर जरूरी है
हमें पता है कि महागठबंधन एक मजबूरी है, जब तक जनता के वास्तविक सवालों पर वैकल्पिक राजनैतिक ताकत नहीं उभरती लेकिन संघ समर्थक आपसे हर बार पूछ रहे हैं कि ऐसा गठबंधन जो आपस में ही लड़ता रहता रहा है आजतक, सिर्फ स्वार्थ के लिए एक जगह इकट्ठा हो रहा है. लेकिन क्या यह सच है ? कुछ हद तक सच भी …