वह मैं हूंं !
वह मैं हूंं ! मुंह-अंधेरे बुहारी गई सड़क में जो चमक है.. वह मैं हूंं ! कुशल हाथों से तराशे खिलौने देख कर पुलकित होते बच्चे बच्चे के चेहरे पर जो पुलक है.. वह मैं हूंं ! खेत की माटी में उगते गन्ने की ख़ुशबू मैं हूंं ! जिसे झाड़-पोंछ कर भेज देते हैं वे उनके घरों में भूल कर …