'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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दिल्ली दूर है

दिल्ली दूर है तुम खून बहाओ या पसीने दिल्ली दूर है तुम्हारे लिए उसे न खून की जरूरत है न अब तुम्हारे पसीने की उसे जो मिलना था, मिल गया जहां पहुंचना था, पहुंच गया अब तुम्हें जहां ज्यादा दाम मिले तुम आजाद हो खरीदने बिकने जमा करने के लिए तुम्हारे रास्ते तुम्हारे स्वागत में न फूल बिछे हैं, न …

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