डिक्टेटर का आत्मविश्वास : बेशर्मी अब तेरा ही आसरा है !
प्रधानमंत्री कभी मर्यादित भाषा बोलने के लिए ‘बदनाम’ नहीं रहे. मगर मतदान का पहला चरण खत्म होने के बाद उनकी घबराहट और डर और अधिक सामने आ रहा है. एक दिन कहते हैं कि देश और विदेश के ताकतवर लोग मुझे हटाना चाहते हैं. उसके एक दिन और पहले कहते हैं कि कांग्रेस आ गई तो आपकी मेहनत का सारा …