पटियाला हाऊस कोर्ट में वकीलों द्वारा पुलिस की दमभर पिटाई के बाद भी पुलिस को उन वकीलों के खिलाफ एफआईआर तक करने का साहस नहीं हुआ, वहीं यही पुलिस और उसके संरक्षण में संघी गुंडे लगातार देशभर के छात्र-छात्राओं को अपना निशाना बनाये हुआ है. आये दिन ये पुलिस और उसके संरक्षण में संघी गुंडे छात्रों को न केवल बुरी तरह पीट ही रही है बल्कि छात्राओं के साथ बदसलूकी भी करता है, उसके जननांगों पर लाठी बरसाये जाते हैं, उसकी छाती को पकड़कर अश्लील हरकत करते हैं. यही वह दृश्य है जिसका केन्द्र की मोदी सरकार और उसके गुंडे गृहमंत्री का ‘न्यू-इंडिया’ है.
मोदी के इस ‘न्यू-इंडिया’ की कीमत देश भर के छात्र खासकर छात्रायें चुका रही है. मोदी के संसदीय क्षेत्र वनारस में बीएचयू की छात्राओं पर आधी रात के अंधेरे में पुलिस को हाॅस्टल में भेज कर वहां की छात्राओं को घसीट-घसीट कर पुरूष पुलिसकर्मियों के द्वारा पीटा गया. उन छात्राओं की मांग थी कि कैम्पस में छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगे. मजे की बात यह है कि जिस रात में काॅलेज हाॅस्टल में छात्राओं की पुरूष पुलिसकर्मियों के द्वारा पिटाई हो रही थी, माननीय प्रधानमंत्री मोदी भी उस वक्त वनारस में ही थे और यह सब उसकी नाक के नीचे हो रहा था. दूसरे शब्दों में कहूं तो मोदी के इशारे पर ही यह सब हो रहा था.
Chanda Yadav, a Hindu student of #Jamia was brutally hit by Police in her stomach & on her private parts.
This is proof that when fascists face resistance they strike back with brute force – they don't wait to check one's religion.#ShameonDelhiPolicepic.twitter.com/XS7efOSt1r
— Rofl Republic 🍋🌶 (@i_theindian) February 10, 2020
विगत दिनों जामिया के छात्र-छात्राओं पर पुलिस ने लाईब्रेरी में घुस कर डंडे बरसाये थे. कुछ दिनों के बाद बकायदा पुलिस संरक्षण में जेएनयू कैम्पस में संघी गुंडों को भेजकर जेएनयू के छात्रों पीटा गया. छात्र संघ की अध्यक्ष को तो पीट कर उसका सर फोड़ दिया गया. पूरे देश भर में इस घटना की गूंज गूंजी. इसके बावजूद वहां तैनात पुलिस इन संघी गुंडों को पूरी तरह संरक्षण देता रहा और लोगों की भीड़ को सहायता हेतु जाने से पूरी ताकत के साथ रोक रखा.
अब गार्गी काॅलेज की छात्राओं पर इन संघियों के बहसियाना गुंडे टूट पड़े और उसके साथ न केवल बदतीमीजी ही किया बल्कि उसके साथ अश्लील हरकत भी किया. कुछ लड़कियों ने जिन्होंने अपनी परेशानियों को सोशल मीडिया के जरिये जाहिर किया है के अनुसार, ‘किसी गधे ने मेरा हिप पकड़ लिया’, ‘एक दूसरे ने मेरा स्तन छुआ’, ‘किसी दूसरे शख्स ने अपने डिक को मेरी जांघों पर रगड़ दिया’, ‘एक बदतमीज ने अपना हाथ मेरी दोस्त के स्वेटर में डाल दिया और उसकी ब्रा को छूने लगा’, ‘मंच पर चढ़े कुछ आदमियों ने चिल्लाकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. उसके मालिक ने उन सभी से नीचे उतरने के लिए कहा लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया. यहां तक कि उनमें से एक ने ट्रैंपोलाइन के मालिक को एक चांटा जड़ दिया.’, ‘एक लड़का मेरे सामने बेहद अश्लील तरीके से डांस कर रहा था’, ‘उन लोगों ने गेट तोड़कर गिरा दिया था, फिर दीवार पर चढ़ गए, इधर-उधर शर्ट उतारकर नंगे घूमने लगे, शराब के नशे में महिलाओं के ब्लाउज में हाथ डालने लगे और इस तरह से हंस रहे थे जैसे वो कुछ कर ही नहीं रहे हों.’
वहीं जामिया की छात्र-छात्राओं के संसद मार्च में भाग लेने के कारण पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह हमला कर दिया. इंडिया टूडे की खबर के अनुसार जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के 10 से अधिक छात्रों, जिन्होंने सीएए के विरोध में भाग लिया, को न केवल बुरी तरह पीट दिया बल्कि उनके निजी अंगों पर लाठियां बरसायी गई. घायल छात्रों को जामिया स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है.
स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने कहा कि ‘10 से अधिक गल्र्स छात्राओं को उनके निजी अंगों पर चोट लगी है. कुछ प्रदर्शनकारियों पर गंभीर चोटें आई हैं. कुछ छात्रों को आंतरिक चोट भी लगी है क्योंकि उन्हें लाठियों से सीने पर मारा गया है.’ स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवा रही एक छात्रा ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि ‘एक महिला पुलिस वाले ने उसका बुर्का उतार दिया और उसे निजी भागों में लाठी से मारा. मुझे मेरे निजी अंगों पर जूते से मारा गया है. महिला पुलिस में से एक ने मेरा बुर्का उतार दिया और मेरे निजी अंगों पर लाठी से प्रहार किया.’
ये तस्वीर चंदा यादव की है. तस्वीर में सब कुछ बयां हो रहा है, कि पुलिस किस बर्बरता से पेश आ रही है. बर्बरता और हिंसा के साथ साथ महिलाओं के प्राइवेट पार्ट पर हमले हुए हैं.
एक अन्य घायल छात्र ने कहा कि पुलिसवाले उन्हें बेल्ट से नीचे पीट रहे थे ताकि कैमरा उसे पकड़ न सके. ऐसी महिलाएं हैं जिसको संवेदनशील हिस्सा घायल हो गया है. मुझे कोहनी और पेट में चोट लगी है. वे (पुलिस) हमें बेल्ट के नीचे लाठी से मार रही हैं ताकि यह कैमरे में न आए. पुलिस ने मुझे अपने निजी हिस्से में पैरों से मारा. वे महिलाओं की पिटाई कर रहे हैं, इसलिए मैं उनके बचाव में आया, उन्होंने मुझे सीने और पीठ पर एक छड़ी से मारा और मुझे निजी हिस्से में पैर से मारा. डॉक्टर ने मुझे इमर्जेंसी में भर्ती किया है.’
जामिया स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती एक अन्य पुरुष छात्र ने कहा कि उसे इतनी बुरी तरह से मारा गया कि वह दो बार बेहोश हो गया. मैं उनसे कह रहा था कि कृपया हमें विरोध करने दें, लेकिन वे हमें धकेल रहे थे. हम भाग नहीं सकते थे. वे निजी हिस्सों में नीचे से लाठियां टकरा रहे थे. मैं दो बार बेहोश हुआ.’
इंडिया टुडे टीवी ने अल-शिफा अस्पताल से भी बात की. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि विरोध के बाद कम से कम नौ लोगों – आठ जामिया छात्रों और एक स्थानीय निवासी को अल-शिफा में भर्ती कराया गया है. छात्रों में से एक को गंभीर चोटें आई हैं, हमने उसे आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया है.’
अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे निहत्थे छात्रों खासकर छात्राओं पर केन्द्र की मोदी सरकार के नीचे काम कर रही पुलिस लगातार हमलावर हो रही है. मोदी सरकार ने एक गुंडे अमित शाह को गृहमंत्रालय सौंप कर यह जता दिया है कि वह विश्वविद्यालयों को खत्म करने पर आमाद है, और यह सब वह ‘न्यू-इंडिया’ जैसे घातक विचारों के नाम पर कर रहा है. जिसका हर संभव प्रतिरोध किया जाना चाहिए, खासकर देश के वकील विरादरी को खुलकर इन छात्रों के समर्थन में सामने आना चाहिए क्योंकि एकमात्र वकील खेमा ही ऐसा है कि जिसके सामने आने से पुलिसिया आतंक हवा हो जाता है.
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