आभा शुक्ला
मुझे तो ये समझ नहीं आ रहा कि भगवा इन उद्दंडों का रंग कब से हो गया…? जबकि भगवा रंग को इन बकलोलों से ज्यादा हानि किसी ने नहीं पहुंचाई…! ये भगवा रंग पर अपना दावा कैसे कर सकते हैं, जबकि –
इस्लाम में पीर का रंग भगवा है…! उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में देवा शरीफ नाम की एक प्रसिद्द दरगाह है. इस दरगाह के सेवक हमेशा भगवा रंग का ही वस्त्र धारण करते हैं…! प्रसिद्द अभिनेता दिलीप कुमार इसी परंपरा से संबंध रखते थे…!
सिख धर्म में ‘निशान साहिब’ की पृष्ठभूमि भगवा ही रहती है, जबकि उस पर अंकित चिन्ह गहरे नीले रंग का रहता है….!
भगवा बौद्ध धर्म से भी संबंधित है, खासकर वज्रयान शाखा से….!
इस देश में आत्मत्याग का रंग भगवा रहा है…, पर आज कुछ लोगों ने सत्ता प्राप्ति का रंग भगवा बनाकर भगवा को कलंकित कर दिया है…! बाबा जी और प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोग भगवा को सिर्फ धारण कर सकते हैं, भगवा को आत्मसात कभी नहीं कर सकते…!
हिंदू धर्म में भगवा यानी भगवान का रंग…! अमानवीय, दंगाई शैतानों का रंग भगवा नहीं है….और ना इनको इसकी समझ है…! भगवा को आत्मसात करने के लिए सौ जन्म भी अभी कम पड़ेंगे इनको…
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अब भगवा आंतकवाद नहीं, भगवा जिहाद होगा
भारत में लोग किस मुंह से धर्म, नैतिकता, मानवता और चरित्र की बात कर लेते हैं…?
15 अगस्त को भी भगवाध्वज !
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