अमरीका बहुत अमीर है. अमरीका की सेना भी सबसे बड़ी है. सेना और अमीरी का सीधा सीधा नाता है. जब गरीबी और मंदी आती है तो अमरीकी सेना किसी ना किसी देश पर हमला कर देती है. अमरीकी सरकार की नीतियों पर इन्ही अमीरों का कब्ज़ा है. ये अमीर तय करते हैं कि अब हमें कहां सेना भेजनी है. सेना अमीरों के मुनाफे के लिए युद्ध लड़ती है. जिसमे हजारों लोग मारे जाते हैं. भारत भी उसी रास्ते पर है.
भारत के अमीरों पर जब गरीबी आती है तब वो उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड के जंगलों में खदानों और नदियों पर कब्ज़े के लिए भारत के अर्ध सैनिक बलों को भेज देते हैं. जैसे अमेरिकी सेना हमला करने के लिए उस देश के लोगों की आज़ादी और लोकतंत्र की रक्षा का बहाना बनाता है, उसी तरह भारत की सरकारें देश की रक्षा, आंतरिक सुरक्षा का बहाना बनाती है.
बंदूक और अमीरी का बड़ा पुराना नाता है. प्रकृति की सौगात सबके लिए है. हवा सबके लिए है. पानी सबके लिए है. ज़मीन भी सबके लिए है. हर बच्चा जो पैदा होता है, उसका प्रकृति की इन नेमतों पर बराबर का ह्क़ है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है.
दुनिया की सत्तर प्रतिशत दौलत एक प्रतिशत लोगों के हाथ में है. दौलत तब इकट्ठी होती है जब आपके साथ ताकत होती है. आज के अमीर सरकार की ताकत के दम पर ही अमीर बनते हैं. टाटा, अदाणी और अम्बानी को अगर सरकार मदद ना करे तो ये लोग देश के खनिजों और ज़मीनों पर कभी कब्ज़ा नहीं कर पायेंगे और ना ही दौलत कमा पाएंगे. टाटा, अदाणी और अम्बानी को दौलतमन्द बनाने के लिए भारत की पुलिस, अर्ध सैनिक बल और सेना की मदद ली जाती है.
इन अमीरों को और भी अमीर बनाने के लिए पुलिस, अर्ध सैनिक बल और सेना गांव वालों को, आदिवासियों को मार-मार कर उनकी ज़मीनों से भगाती है, उनकी बस्तियां जलाती है, औरतों के साथ बलात्कार करती है लेकिन समस्या टाटा, अदाणी और अम्बानी नहीं हैं. वह अपराध कर रहे हैं. खुलेआम कर रहे हैं.
समस्या आप हैं. आप अम्बानी, अदाणी, टाटा, पुलिस, अर्ध सैनिक बलों और सेना के भक्त बने हुए हैं. आप इन अमीरों की सेवा करने वाली राजनीतिक विचारधारा को मानने वाली पार्टियों के वोटर बने हुए हैं. आप मानते हैं कि अमीर अपनी मेहनत से अमीर बने हुए हैं. आप अपने बच्चों के सामने इन अमीरों को आदर्श की तरह पेश करते हैं और कहते हैं कि अच्छे से पढ़ाई करो तो तुम भी इनकी तरह अमीर बन जाओगे.
कोई भी अमीर दूसरे की मेहनत और दूसरे के हिस्से की प्राकृतिक सम्पदा पर कब्ज़ा किये बिना अमीर नहीं बन सकता. फिर भी अमीरी आपका आदर्श है. आपको अमीर बनाने का झांसा देकर कोई भी हत्यारा आपके देश का शासक बन सकता है. हमें शिकायत उस हत्यारे शासक से नहीं है. शिकायत उस समाज से है, जो हत्यारों को अपना आदर्श मानता है.
ऐसा समाज हत्याओं में मज़े लेने लगता है. एनडीटीवी के एक सर्वे में भारत के अधिकांश युवाओं ने कहा है कि वे चाहते हैं कि भारत में सैनिक शासन लग जाए. आपके बच्चे सिर्फ अपनी अमीरी के लिए लोकतंत्र, बराबरी, न्याय को छोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं और सेना को अपना समाज चलाने देने के लिए तैयार हैं. आप अपने ही समाज के लोगों को लूटने-मारने के लिए सहमत हैं. आपको अपनी गलती का कोई अंदाज़ भी है ?
हिमांशु कुमार, सामाजिक कार्यकर्त्ता
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