वास्तविक संख्याओं और पर्सेंटेज को अपनी बात साबित करने के लिए बड़ी सुविधा से उपयोग किया जाता है. इसे जानना बड़ा मजेदार है.
समझिये कि अमरीका की अर्थव्यवस्था हमसे दस गुनी है. हमारा साइज सौ है, तो उनका एक हजार. अब अगले साल में हम सौ से बढ़कर 110 हो जाते हैं, और अमरीका हजार से बढ़कर 1050.
हमारे यहां परसेंट ग्रोथ का जश्न मनेगा. आखिर हमारी परसेंट ग्रोथ 10% थी, और अमरीका की 5%. हम अमेरिका से दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे हैं. वाहवाही, तालियां.
उधर ट्रम्प बाबू ग्रोथ पॉइंट गिनाएंगे, इंडिया 10 बढ़ा, हम 50 बढ़े. हम इंडिया से पांच गुना रफतार से बढ़ रहे हैं. वाहवाही, तालियां. सब पॉवरपॉइंट है बबुआ.
अब पॉपुलेशन ग्रोथ पर आ जाइये. 108 करोड़ हैं हिन्दू जो 2.13 की परसेंट से ग्रोथ कर रहे हैं. 24 करोड़ मुस्लिम 2.61% की रफ्तार से बढ़ रहे हैं. डर गए ? वही डराया भी जा रहा है.
डरिये ! लेकिन थोड़ा हिसाब भी कर लीजिये. 108 करोड़ का 2.13% निकाल लीजिए, और फिर 24 करोड़ का 2.61 पसरेंट. अजी 60 लाख मुस्लिम पैदा होंगे, तो ढाई करोड़ हिन्दू. याने एक मुस्लिम के पीछे चार हिन्दू पैदा कर रहे हो, ऊपर से पाकिस्तान बंगलादेश और अफगानिस्तान से भी आयात कर रहे हो, फिर भी खतरे में हो ?? पगला गए हो बे ?? सब पावरपॉइंट है !
थ्योरिटिकली ग्रोथ रेट हाई होने के लिहाज से ग्राफ बनाकर बताया जा सकता है कि ग्रोथ रेट में अंतर से एक दिन उनकी से संख्या ज्यादा हो जाएगी. सही है, वर्तमान दरें मेंटेन रही, तो ऐसा हो भी सकता है, कोई 1400 साल में. हिसाब लगा लो.
ध्यान रहे, 1400 साल का वक्त रेट मेंटेन रहने पर है. सरकारी सर्वे बताता है कि रेट गिर रही है. हिन्दुओं से डबल गिर रही है. हमारी गिरी 0.46% तो उनकी गिरी 0.79%.
चिल करो बे..!! और तुम्हारी पावर के पॉइंट के चुने हुए प्रेजेंटेशन का खिलवाड़ हमें मत समझाओ.
- मनीष सिंह
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