Home गेस्ट ब्लॉग भक्तों तुम्हारी भक्ति, तुम्हारी तपस्या को नमस्कार !

भक्तों तुम्हारी भक्ति, तुम्हारी तपस्या को नमस्कार !

10 second read
0
0
572

भक्तों तुम्हारी भक्ति, तुम्हारी तपस्या को नमस्कार !

विष्णु नागर

भक्तों नमस्कार ! तुम्हारी भक्ति, तुम्हारी तपस्या में 2014 से आज तक कोई कमी नहीं आई. तुम जैसे भक्तों का आसरा न होता तो मोदी जी 2019 में फिर से न आ पाते. तुमने इनके लिए क्या-क्या नहीं किया ? तुम प्रेमिका के लिए आकाश के तारे तोड़कर नहीं लाए मगर टेलीप्राम्पटर बाबा को तुमने ब्रह्मा, विष्णु, महेश से बढ़कर मान दिया. तुमसे कहा गया, झूठ बोलना, अफवाह फैलाना, नफरत फैलाना धर्म है, देशभक्ति है. तुमने कहा – बिल्कुल है. तुमसे कहा गया कि गाय के नाम पर किसी को मारना-पीटना और यहां तक कि उसकी जान ले लेना तक धर्म है. तुमने कहा-हां है. तुमसे कहा गया, किसानों को खालिस्तानी कहो, तुमने बेधड़क होकर कहा.

तुमसे मुसलमानों को देशद्रोही, आतंकी कहने को कहा, तुमने कहा. तुमने पेट्रोल-डीजल की महंगाई का बचाव करने में संकोच नहीं किया, जबकि तुम्हारी पेट्रोल-डीजल खरीदते हुए जान निकल रही थी. तुमने इनसे कभी नहीं कहा कि मैं भी एक बेरोजगार हूं.आप एक करोड़ नौकरियां हर साल देनेवाले थे, उसका क्या हुआ ? 15-15 लाख रुपये देनेवाले थे, उसका क्या हुआ ? उल्टे तुमने ऐसे सवाल पूछनेवालों को देशद्रोही कहा. उनके खिलाफ एफआईआर करवाने, उन्हें जेल भिजवाने में भी तुमने कभी कंजूसी नहीं की. सब किया और खूब किया. 70 साल में पहली बार ऐसे भगवान भारत में तुम्हारी कृपा से पैदा हुआ, जो इतना ‘ईश्वरीय’ है कि वह घटिया मजाक क्या करे, यह भी टेलीप्रांपटर पर उसे लिखकर बताना पड़ता है.

पर भाइयों-बहनों इस भक्ति, इस तपस्या के बदले तुम्हें मिला क्या ? जो मिला, अडानी-अंबानी को मिला. पिछले सात साल में अडानी-अंबानी कहां से कहां पहुंच गए और तुम कहां से गिरकर कहां आ गए. पास में जो था, वह भी गया. छोटी-मोटी नौकरी थी, वह भी अधिकतर की छिन गई. धंधा बर्बाद हो गया. जो बच्चे पब्लिक स्कूल में पढ़ते थे, सरकारी स्कूल में जाने लगे तो तुम्हारे तनबदन में आग लगी, मगर भक्ति के पागलपन में, तुम अपने कष्टों को भूल गए. तुम टेलीप्रांपटर बाबा के कष्ट हरने में लग गए, जबकि उस बाबा को अपने अलावा किसी के कष्टों की चिंता नहीं.

जब तुम नौकरी-धंधे खो रहे थे, अपनों को कोरोना से असहाय होकर मरते देख रहे थे. निजी अस्पतालों के हाथ लुट रहे थे, तब देश के सौ अरबपतियों ने एक साल में 775 अरब डालर तुम्हारी जेब से निकालकर अपनी जेब के हवाले कर लिए. अडानी की संपत्ति 2020 में 8.9 अरब डालर थी, जो 2021में पांच गुना बढ़कर 50.5 अरब डालर हो गई. अंबानी की संपत्ति 2020 में 36.8 अरब डालर से बढ़कर 85.5 डालर हो गई.

तुम पेट्रोल-डीजल की महंगाई का बचाव कर रहे थे. ये बेरोजगारी और महंगाई का फायदा उठाकर दनादन अपनी जेबें भर रहे थे. तुम रोते हो तो ये तुम्हारे आंसू भी बेचकर कमा लेते हैं. जब अयोध्या के गरीब दीपावली के बुझे दियों से तेल ढूंढ रहे थे, ये खाने के तेल से दोनों हाथों से कमाई कर रहे थे. कोई मोदी, कोई योगी, इन्हें रोकने की हिम्मत नहीं कर सकता. ऐसी महिमा है इनकी और तुम्हारी ?

ये तुम्हारे साथ कभी मारने-काटने, झूठ बोलने आए ? तिरंगा यात्रा निकालने आए ? आठ साल की लड़की से बलात्कार करनेवाले के समर्थन में खड़े होने आए ? मोदी-मोदी करने आए ? ये न आए हैं, न कभी आएंगे. तुम बनाओ हिंदू राष्ट्र, नाथूराम गोडसे की बोलो जय, ये वहां भी कमाने आ जाएंगे. ये इस दुनिया में कमाने आए है, बहकावे में आने के लिए नहीं. इनकी यह हैसियत हैं कि पीएम इनका हालचाल लेने जाता है तो ये पीएम को अपने सामने खड़ा रखते हैं, बैठने को कुर्सी भी नहीं देते और तुम्हारी हैसियत ?

इनका एकमात्र भगवान, इनका एकमात्र देश, पैसा है. जहां कमाई है, वही इनका देश है. इनसे कोई मोदी, कोई योगी अपनी भक्ति नह़ीं करवा सकता, उल्टे ये इनसे अपनी भक्ति करवा लेते हैं. तुम्हारे नेता तुमसे वायदे करते हैं और वायदे ही करते रहते हैं. इनसे कोई वायदा नहीं करते, ये जो सरकारी माल मांगते हैं, आराम से इनकी झोली में डाल देते हैं. ये बैंकों का हजारों करोड़ जीम जाते हैं और डकार नहीं लेते. इनका पैसा माफ हो जाता है, तुम्हारी एक किस्त कार या मकान की न जाए, तो नोटिस आ जाता है. नीलामी की नौबत आ जाती है.

इन्हें 50 साल के ठेके पर हवाई अड्डे पर हवाई अड्डे मिलते हैं, इनसे कारपोरेट टैक्स के नाम पर कुछ वसूल नहीं किया जाता और तुमसे कहा जाता है कि तुम्हें हमने मुफ्त वैक्सीन दी हैं, पेट्रोल-डीजल महंगा खरीदकर लौटाओ. भक्त होने और बड़े से बड़े को अपना भक्त बनाने में यह फर्क है.

कल टेलीप्राम्पटर बाबा की जगह कोई और आ जाएगा मगर इनका कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा. ये उसे, उसकी पार्टी को इतना मोटा चंदा दे देंगे कि वह इनके पैरों में गिर जाएगा, मगर तुम क्या इतनी आसानी से अपना बाबा बदल पाओगे ? पर कोई बात नहीं, तुम मुफ्त खाने, मुफ्त रहने, मुफ्त पीने, मुफ्त जेबखर्च लेकर मोदी-योगी को जिताना मत भूलना. और हां, अंत में मैं जय श्री राम नहीं कह पाऊंगा, मेरा नमस्कार स्वीकार करना.

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

चूहा और चूहादानी

एक चूहा एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था. एक दिन चूहे ने देखा कि उस कसाई और उसकी पत्नी…