पं. किशन गोलछा जैन, ज्योतिष, वास्तु और तंत्र-मंत्र-यन्त्र विशेषज्ञ
आप में से ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि महात्मा गांंधी की हत्या के बाद 1948 में सरदार पटेल ने आरएसएस को संदिग्ध मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया था, जिसे बाद में नेहरू के सामने लगातार हाथ-पैर जोड़कर आरएसएस ने 1949 में नेहरू की दया दृष्टि हासिल कर प्रतिबंध हटवाया था.
लेकिन ये नहीं जानते होंगे कि प्रतिबंध हटने के बाद 22 दिसंबर की ठंडी कोहरे वाली रात में आयोध्या की बाबरी मस्जिद में राम-सीता और दूसरे देवी देवताओं की मूर्तियों को बाबा राघवदास नाम के पुजारी की सहायता से जबरन स्थापित कर दिया था और संघी मानसिकता वाले फ़ैजाबाद के डीएम ने सरकारी आदेश के बावजूद वो मुर्तियां नहीं हटवाई.
हालांंकि उस डीएम को तो कार्यवाही कर सरकार ने तुरंत हटा दिया था लेकिन उस समय एक फ़ाइल बनी थी जिसमें आरसएस के प्रतिबंधित होने संबधी तथ्य और जानकारियों के साथ-साथ 1949 में हुई इस घटना के सबूत भी उसमें थे कि इस काम में आरएसएस का हाथ था. मगर अब सुनने में आ रहा है कि ये फ़ाइल (1949F-140-D) सभी दस्तावेजों और रिकॉर्ड वाले कागजातों सहित सरकारी रिकॉर्ड से गायब है. ठीक ऐसे ही राफेल की फ़ाइल भी गायब हुई थी. यह एक तथ्य है.
एक दूसरे तथ्य पर नजर दौडते हैं. भारत में जितने जिले नहीं उससे ज्यादा तो मोदीकाल में भाजपा के कार्यालय बन चुके हैं और आप कहते हैं कि मोदी हरिश्चंद्र का अवतार हैं. ईमानदार हैं जबकि मेरी नजर में दुनिया के सबसे बड़े चोर पर्टिनेन्ट मार्कोस (इसका नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है) से भी बड़ा चोर मोदी है और अगर गिनीज बुक से भी बड़ी कोई बुक हो तो सबसे पहला नाम उसमे मोदी का लिखा जायेगा.
अभी न्यूज फीड देख रहा था तो प्रवीण कुमार जी का अपडेट आया जिसमे उन्होंने बीजेपी के आधिकारिक ट्वीटर हेंडल के एक ट्वीट का स्क्रीन शॉट लगा रखा था कि पिछले 6 सालो में अमित शाह के नेतृत्व में 500 बीजेपी कार्यालय बन चुके हैं और 400 कार्यालयों में काम चल रहा है. और नीचे जेपी नड्डा (वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष के नाम के साथ लिखा गया है कि आने वाले 2 सालों में सभी जिलों में बीजेपी के कार्यालय बन जायेंगे.
अर्थात बीजेपी की केंद्र सरकार बनने के बाद 900 जिलों में बीजेपी कार्यालय के लिये जमीन आवंटित की गयी या खरीदी गयी. क्या ये जांंच का विषय नहीं है ? इसकी जांंच कौन करेगा कि ये आवंटित भूमि खरीदने के लिये बीजेपी को किस-किस ने इसे खरीदने के लिये चंदा दिया ? कांग्रेस ने कभी इस पर संसद में सवाल क्यों नहीं उठाये ?
मोदी को हर छोटे-छोटे मामले में घेरने वाले राहुल गांंधी इतनी बड़ी बात पर चुप्पी क्यों साधे बैठे हैं ? बीजेपी और भक्त हमेशा रोबर्ट वाड्रा पर इल्जाम लगाते हैं जबकि ये तो स्पष्ट ही दिखायी दे रहा है कि बीजेपी ने सरासर अपनी सत्ता का फायदा लेकर स्वयं फायदा उठाया है.
चलो मान लेते है कि आईएनसी यानि कांग्रेस पार्टी दुनिया की सबसे ज्यादा भ्रष्ट और घोटालेबाज पार्टी थी, जिसने अपनी सत्ता के समय में पूरा देश लूट लिया होगा और कालाधन स्विस बेंकों में जमा कर दिया होगा. लेकिन कोई ये तो बताये कि पिछले 6 सालों से हरिश्चंद्र का अवतार कहे जाने वाले ईमानदार मोदी ने आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की ? 6 साल काफी लम्बी अवधि होती है लेकिन कालाधन लाने की बात करने वाले मोदी तो स्विस बेंकों के खातेदारों का नाम तक उजागर नहीं कर रहे हैं, क्यों ?
पंतञ्जलि वाला रामदेव तो इनके सानिध्य में ‘कालाधन-कालाधन’ करके दुनिया का सबसे ज्यादा कालाधन रखने वाला और फ्रॉड करने वाला अमीर व्यापारी बन गया और बेचारा रोबर्ट वाड्रा फ़ोकट में बदनाम हो गया.
चलो कालेधन की बात छोडो, कांग्रेस पर महाघोटालों का आरोप लगाने वाले मोदी, एक भी घोटाले में उसका हाथ साबित करने की बात भी जाने दो, उसके खिलाफ एक एफआईआर तक दर्ज न करवा पाये और कांग्रेस तो कोलब्लॉक जैसे महाघोटाले में भी कोर्ट में निर्दोष साबित हो गयी, जबकि बीजेपी के नेता खुद उसमें फंस गये. मोदीकाल में जो कोलब्लॉक नीलामी हुई है उसमें तो साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि मोदी ने कुछ खास लोगों को फायदा पहुंंचाया है और ये उस कथित घोटाले से भी बहुत बड़ा कोलब्लॉक घोटाला है.
और सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस जिसे साक्षात् गांंधी का भी आशीर्वाद प्राप्त था और गुलाम भारत से आज़ाद भारत तक के एक खास पीरियड में सर्वेसर्वा पार्टी थी. जिसने लगभग 60 साल से कुछ कम समय तक राज किया, वो भी आज तक 900 कार्यालयों के लिये जमीन नहीं खरीद पायी तो बीजेपी ने 6 साल में न सिर्फ मुख्य मंचों पर हर जिले में महंगी जमीने कैसे खरीद ली ? उससे भी महत्वपूर्ण प्रश्न ये भी है कि बीजेपी ने न सिर्फ जमीनें खरीदी बल्कि उस पर रात दिन काम करवाकर हाईटेक कार्यालय भी बनवा लिये, कैसे ?
‘घोटालेबाज़’ कांग्रेस का राष्ट्रीय स्तर का मुख्य कार्यालय अभी भी वही पुराना अकबर रोड का है, जो सरकारी तौर पर आवंटित बंगले में है. जबकि बीजेपी का राष्ट्रीय स्तर का अपना 7स्टार रेटिंग वाला निजी हाईटेक मुख्य कार्यालय मात्र 6 सालों में बन चुका है, जिसमें पूरे देश में वो डिजिटली सुविधाओं के साथ पहला कार्यालय है. भारत सरकार के पास भी किसी ऐसे कार्यालय की सुविधा अभी तक नहीं है. ‘रॉ’ और ‘आईबी’ जैसी प्रमुख संस्थाओं में ऐसी सुविधा नहीं है जैसी बीजेपी की मुख्य कार्यालय में है.
मैंने उस समय भी लिखा था जब बीजेपी धड़ाधड़ जमीनें खरीद रही थी लेकिन तब इस पर ज्यादा फोकस इसलिये नहीं हुआ क्योंकि लोग नोटबंदी की लाइनों में लगे थे, मगर आज तो खाली और बेल्ले बैठे हो गारो और दुकानों में. आज की बातों पर जरूर गौर कर लेना.
जब मोदी सत्ताधीश बने थे तब भी मैंने लिखा था कि नौसिखिये चोर से ज्यादा अनुभवी चोर ठीक होता है क्योंकि अनुभवी चोर थोड़ा चोरी करता है अर्थात जितनी जरूरत हो उतनी ही चोरी करता है, मगर नौसिखिया चोर जब भी चोरी करेगा पूरा माल साफ़ कर देगा. आज वही हो रहा है. पूरा देश लूटा और बेचा जा रहा है और सब कुछ खुली आंंखों से देखने के बाद भी पूरा देश चुप है. आपकी ये चुप्पी आप पर आने वाले समय में बहुत भारी पड़ेगी.
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