Home गेस्ट ब्लॉग नारी का सम्मान, राष्ट्र के नाम…

नारी का सम्मान, राष्ट्र के नाम…

2 second read
0
0
81
नारी का सम्मान, राष्ट्र के नाम...
नारी का सम्मान, राष्ट्र के नाम…

जर्मनी, आर्यों का देश था. दुनिया की सबसे ऊंची नस्ल ! सुनहरे बाल, नीली आंखें, चमकदार गोरी त्वचा…मास्टर रेस, ईश्वर ने राज करने को बनाया है. लेकिन ये आर्य रेस, छोटी सी प्रशियन-बवेरियन सीमा में ठुंस कर रह रही थी. उन्हें लिविंग स्पेस चाहिए था. तो जहां जहां जर्मन रेस के लोग है, वे सब देश जीतकर 1000 साल के लिए टिकाऊ साम्राज्य बने. यह मेन काम्फ का सेंट्रल प्लॉट है.

पर इसके लिए, मास्टर रेस के ढेरों बच्चे चाहिए. मर्द तो कर नहीं सकते, तो जाहिर है औरतों को यह जिम्मा मिला. वे जल्द विवाह करके, खूब बच्चे पैदा करती. पर इतने से काम नहीं चलता. राज्य को अपने बच्चे चाहिए थे. वे बच्चे, जिनके कोई मां बाप न हों. भाई, बहन, बेटा, पत्नी न हो. उनकी तो बस पार्टी हो, और पूरा देश हो. तो ‘बच्चा ब्रीडर केंद्र’ बनाए गए, जहां आर्य युवतियां सुन्दर बच्चे पैदा करतीं. ब्रीडर केंद्र, खराब सैम्पल फेंक देता, अच्छे सैम्पल पालता.

पर अब युद्ध का दौर था. सैनिक, जो शुद्ध आर्य थे, वे देश के लिए लड़ रहे थे. दूर दराज पोस्टिंग रहती, थक जाते थे बेचारे, ऊब जाते थे. उन्हें कुछ कंफर्ट चाहिए कि नहीं चाहिए ?? कौन देगा ?? अशुद्ध गैर आर्य महिलाओं से संसर्ग तो गलत था. शुद्ध आर्य युवतियों को ही आकर कम्फर्ट देना था. तो मिलिट्री ब्रोथल खोले गए. इनमें भी जर्मन महिलायें, युवतियां ही आती. अपनी जात, रंग, रेस, धर्म को विश्वगुरु बनाने के लिए जो उनके पास था, सौंप देती. जय जर्मनी, विजय जर्मनी !!

दोस्तों, युद्ध में सूचना का बड़ा ही महत्व है. छोटी से छोटी सूचना, बड़ा युद्ध जितवा सकती है. ऐसे में जासूसी के लिए सुंदर, शुद्ध उच्च आर्य महिलाएं स्वेच्छा से प्रस्तुत होती और काउंटर इंटेलिजेंस के लिए भी. मिलिट्री ब्रोथल हो, या बर्लिन के हाई क्लास क्लब…प्रेम क्रीड़ा की हर सेज के नीचे माइक्रोफोन होते. उनके तार, गेस्टापो और सीक्रेट सर्विस के लिसनिंग सेंटरों से जुड़े होते. फ्यूहरर के विरुद्ध, या किसी बड़े लीडर, उसकी नीति, आचार व्यवहार पर सूचना या कटूक्ति, आपको प्रेम की सेज से उठवा कर, फायरिंग स्क्वॉड तक ले जाती.

मितरों, यत्र नार्यस्तु लूजयन्ते, निर्मिते तत्र विश्व गुरु:. इसलिए,जर्मनी शीघ्र ही विश्वगुरु बन गया. यह आप अच्छी तरह जानते हैं. अगर अपने देश को वैसा ही विश्वगुरु, या फिर अपने प्रदेश को भारत गुरु बनाना है, तो आपकी महिलाओं को अपना सम्मान की तिलांजलि देनी होगी. लेकिन भारत की महिलाएं पर्याप्त देशभक्त नहीं हैं. उन्हें बच्चा ब्रीडर बनने में रुचि नहीं है. इधर हिन्दुओं की संख्या गिरती जा रही है. फिर वे पार्टी के योद्धाओं को कंफर्ट देती नहीं. गद्दार खोजकर देती नहीं. विवाह उनसे करती नहीं. उल्टा लव जिहाद के चक्कर में फंसकर अपनी सांस्कृतिक शुद्धता खराब कर लेती हैं.

इसलिए कभी कभार अगर सच्चे देशभक्त राह चलते, उनसे थोड़ा कंफर्ट ले लेवें, तो हल्ला मचाना ठीक नहीं. समर्पित वर्कर, यदि गिरफ्तार हुआ, जेल गया, तो राष्ट्र निर्माण का कार्य अवरुद्ध होगा. ऐसे में राष्ट्रहित सर्वोपरि मानकर, पुलिस गिरफ्तार न करे, हल्की धाराएं लगाये, केस कमजोर दे, या कोर्ट जमानत दे दे…तो आप अनावश्यक हल्ला न करें. यह तो विश्व में भारत की बढ़ती कीर्ति के लिए आपका छोटा सा योगदान है.

अगली बार, वे जमानत पर छूटें, तो स्वागत रैली में माला लेकर हर उस शख्स को जाना चाहिए, जिसकी एक बेटी या बहन हो. अभी तो ये पार्टी ब्रोथल में बेटियां भी नहीं मंगा रहे. तो कभी निगाह बचाकर उन्होंने दबोच ही लिया, तो राष्ट्रहित में सरेंडर करने, और रपट न दर्ज कराने की सलाह दें.

हां, यदि आपके प्रदेश में ऐसी सरकार है जो हमारे फ्यूहरर को, देश विश्वगुरु बनाने में, या हिन्दुओं को मास्टर रेस बनाने में सपोर्ट नहीं करती…तो फिर, आपका विरोध जायज है. आप वहां धरना, आंदोलन, रैली, तोड़फोड़ करें. ट्विटर ट्रेंड चलायें. पार्टी आपके साथ है.

सम्भव है, कि आपको यह बातें खराब लगें. क्रुद्धता जन्में. लेकिन सच यही है साहब…दुनिया के सारे युद्ध, वे शारीरिक हो या मानसिक, नारी के शरीर पर ही लड़े जाते हैं. जब तक आसपास युद्ध का माहौल रखेंगे, नारी का सम्मान राष्ट्र के नाम लुटता रहेगा. बेटी बचानी है, तो शान्ति की बात कीजिए. देश की सीमाओं पर, मोहल्लों की सीमाओं पर, और दिलों की सीमाओं पर…जोश नहीं, होश से काम लीजिए.

क्योंकि जब होश होगा, तो ऐसे लोग चुनेंगे, जिन्हें धरती का जितना भी छोटा टुकड़ा मिला हो, अंक में भरकर, प्यार से…उसे स्वर्गादपि गरीयसी बनाने की कोशिश करेंगे. तब फिर से बलात्कारियों को दंड मिलेगा. बेटे नियंत्रण में रहेंगे. बेटियों का सम्मान, सुरक्षित रहेगा.

  • मनीष सिंह

Read Also –

 

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
G-Pay
G-Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध

कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण ये शहर अब अपने पिंजरे में दुबके हुए किसी जानवर सा …