Home लघुकथा सोमवार को स्नान के बाद इस कथा को पढ़ें !

सोमवार को स्नान के बाद इस कथा को पढ़ें !

0 second read
0
0
333
सोमवार को स्नान के बाद इस कथा को पढ़ें !
सोमवार को स्नान के बाद इस कथा को पढ़ें !

बाप अकेला रहता था. बेटे उससे दूर एक शहर में रहते थे, अचानक एक दिन बाप के घर के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी. देखा तो सामने एक बेटा खड़ा था. पांवों में छाले पड़े हुए थे. हाल बेहाल था. बुरी तरह से थका हुआ था. कंधे पर एक पोटली टंगी हुई थी.

बाप हैरान परेशान. बेटे से पूछा – कोई एक्सीडेंट हो गया क्या ? किसी ने लूट लिया क्या ? तुम्हारी ऐसी हालत कैसे हो गई ?

बेटे ने कहा – ऐसा कुछ नहीं हुआ. मैं आपसे मिलने के और आपका खाना लेकर आया हूं.

बाप ने कहा – लेकिन खाना तो मेरे पास है. मैं रोज खाता हूं. तुम एक दिन खाना ले आये तो उससे मेरा क्या होगा. मुझको तो रोज ही बनाकर खाना है.

बेटे ने खीझकर कहा – कर दिया दिमाग खराब. मैं इतनी दूर से पैदल चलकर आपके लिए खाना लेकर आया हूं और आप कह रहे हो कि एक दिन तुम खाना दे दोगे तो उससे क्या होगा ?

बाप ने कहा – मूर्ख तुम्हारे पास गाड़ी हैं, फिर तुम पैदल क्यों आये ? माना तेल महंगा हो गया है तो किराए से भी आ सकते थे, फिर भी तुम सैंकड़ों किमी पैदल चलकर आये हो ?

बेटे ने कहा – मैं आपको खुश करने के लिए इतनी दूर पैदल चलकर आया हूं और आप मेरी श्रद्धा का अपमान कर रहे हो ?

बाप ने कहा – मूर्ख तुम्हारे पैदल चलने से मुझको कौन सा लाभ होगा ? तुम्हारे पैरों में जख्म देखकर मैं कैसे खुश हो सकता हूं ? कोई भी पिता सन्तान को कष्ट में देखकर कैसे खुश हो सकता है ? तुम अपनी मूर्खता को मुझ पर थोपना चाहते हो ? ठीक है तुम मेरे बेटे हो लेकिन मैं ऐसी मूर्खता को स्वीकार नहीं कर सकता. फौरन मेरे घर से बाहर निकल जाओ और फिर दोबारा कभी इस तरह से मेरे घर मत आना.

  • सुधीर कुमार जाटव

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

Donate on
Donate on
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • देश सेवा

    किसी देश में दो नेता रहते थे. एक बड़ा नेता था और एक छोटा नेता था. दोनों में बड़ा प्रेम था.…
  • अवध का एक गायक और एक नवाब

    उर्दू के विख्यात लेखक अब्दुल हलीम शरर की एक किताब ‘गुज़िश्ता लखनऊ’ है, जो हिंदी…
  • फकीर

    एक राज्य का राजा मर गया. अब समस्या आ गई कि नया राजा कौन हो ? तभी महल के बाहर से एक फ़क़ीर …
Load More In लघुकथा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…