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बलात्कारी ही देश का भविष्य है – गुवाहाटी हाईकोर्ट

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बलात्कारी ही देश का भविष्य है - गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी उच्च न्यायालय के जज अजीत बोरठाकुर सामंतवादी विचारधारा के लगते हैं, जो उन्होंने अपनी ही सहछात्रा का बलात्कार करने के 21 वर्षीय दोषी आईआईटी छात्र को भारत का भविष्य बताकर जमानत दे दी.

मगर मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप जज घुस देकर नकली डिग्री से बने हैं या सच में मेहनत से बने हैं ?क्योंकि जो प्रीप्लांड रेप कर सकता है वो सबूतों से छेड़छाड़ क्यों नहीं कर सकता ?

सबूतों से छेड़छाड़ करने में उम्र का क्या ताल्लुक है ?
अगर रेपिस्ट ही देश का भविष्य है तो फिर कानून/न्यायलय की क्या जरूरत है ?

पुलिस और सेना के जवान रात-दिन ड्यूटी करके देश के अंदर और सीमा पर रक्षा करते हैं, एथलीट दिन-रात मेहनत करके देश के लिये खेलते हैं, ईमानदार आम जनता पूरा टैक्स देकर आपके विलास के साधन और वेतन का इंतजाम करती है ताकि आप पूरे साल में 200 दिन 6 घंटे की ड्यूटी करके अपनी कुंठाओं की पूर्ति कर सको और आप खुद को भगवान समझकर फैसला सुना सको कि फलां अपराधी कम उम्र का होने से देश का भविष्य है.

अगर अपराधी ही देश भविष्य है तो सेना और पुलिस के जवान, एथलीट और टैक्स देने वाली जनता क्या है ?
ऐसे अपराधी देश का नहीं बल्कि आप जैसे गधों का भविष्य है क्योंकि ऐसे लोगों से आप जैसे लोग घुस में मोटी रकम खाकर उन्हें आजाद करते हैं और खुद का भविष्य संवारते हैं.

किसी फिलॉस्फर ने कभी कहा था (अभी नाम याद नहीं है) कि किसी भी देश की स्थिति का अंदाज उस देश की महिलाओं की परिस्थिति देखकर आसानी से लगाया जा सकता है. और इस देश में तो रोज इतने बलात्कार होते हैं कि सोच में पड़ गया हूं कि अभी तक गिनीज बुक वालों ने वर्ल्ड रिकॉड में इसे दर्ज क्यों नहीं किया ?

प्रीप्लान बनाकर 28 मार्च को बलात्कार करने वाले दोषी को 4 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया था और 13 अगस्त को उसे जहां फांसी या आजीवन कारावास की सजा सुनानी चाहिये थी, उसे जमानत दे दी आपने. हजार बार लानत है आप जैसे जज पर.

उन लोगों को आज़ाद करवाना सरल है, जो लोहे की जंजीरों में जकड़े हो, मगर उन मूर्खों को आज़ाद करवाना मुश्किल है जो अपनी झूठी संस्कृति की मानसिक बेड़ियों को पकडे हुए हो.

  • पं. किशन गोलछा जैन

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