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रायफल की नाल से चूता है लहू !

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रायफल की नाल से चूता है लहू !

पलामू की धरती पर
पलामू की छाती को चीरती,
रेल की ये पटरियां.
आदिवासियों-मेहनतकशों की नसों को निचोड़ती,
रेल की ये पटरियां.
कौन नहीं जानता ?
बाॅक्साइट-कोयला-पत्थरों की खानें,
धरती की छाती को चीर कर निकालते,
नरभक्षी नरों के मुख का ग्रास बनते मजदूर
अकालों की तहों मे दबे किसान

छाती फट जाती है-
उन बच्चों को देखकर,
जिनकी आंखों से लूट लिये जाते हैं
खूबसूरत जिन्दगी के सपने
मेरी अभिवादन करती उन लड़कियों की भी…

जरा हिलों नहीं कि टूट पड़ती है,
अर्द्ध-सैनिक बलों की बूटें और
डंक मारने लगती है उसकी स्वचालित रायफलें !
उसकी चित्कारों से ‘त्राहिमाम्’ शब्द भी,
कांप उठता है एकबारगी…

त्राहिमाम्…

बदल रहा है अब पाला
कल तलक आम जनता के बीच रहती आयी,
अब शासक वर्ग की छाती में जा घुसी हैपरिस्थिति बदल गई है,
शासक वर्ग चिल्ला रहा है-त्राहिमाम् !!!
उसके स्वर्ग को लूटने जा रहे हैं हम.

( 2 )

पलामू की धरती पर-
देखता हूं दधिची राय को
तीन आंखों से झांकती है उसकी तनी छाती.
शायद त्रिदेव की तीनों आंखें उग आई है.
तभी त्राहिमाम् की चित्कार से-
फटने लगते हैं कान

स्वचालित रायफल थामे कांप रहा है शासक वर्ग
पागल हो गया है
भागने का रास्ता पूछ रहा है राहगीरों से
गलियों से भी आती है आवाज –
‘इस पागल शासक वर्ग को,
पागलखाने रसीद करो’
गुंजायमान ! आसमान !!

( 3 )

ये क्या हो रहा है ???
ठहरों जरा,
समझ लेने दोअच्छा, किसी से पूछता हूं.
वो देखो, कोई उधर जा रहा है
अच्छा, चलो उसी से पूछ देखते हैं.

‘ऐ भाई, रूको जरा !
कहां जा रहे हो तुम,
अपने हाथों में हथियार उठाये !!!’

‘टोको मत !
जनता के गुरिल्ले बेटों के,
शस्त्रागार भरने जाना है
उस शस्त्र से जनता के लिए
स्वर्ग छीनने जाना है,
हड़प लिया है जिसको
चंद जमीन्दार, दलाल नौकरशाह पूंजीपतियों ने.’

परन्तु सफल हो पाते वह
इससे पहले ही,
मुखबिर ने सूचित कर दिया था पुलिस को
गिरफ्तार वह
कील चुभोये पुलिस ने
मजबूत हौसलों के साथ नारा लगाया,
‘आऊंगा मां ! फिर आऊंगा,
अपने भाईयों के शस्त्रागार भरने.
एक असफलता पराजित नहीं कर सकती हमें.’

( 4 )

वहां देखो-
गोलियां दागी जा रही है.
घेर लिया है पुलिस ने,
जनता के गुरिल्ला बेटों को.

‘दघिची राय मारा गया’
पुलिस चिचियायी.
‘पाल्टा’ ने अट्टाहास मारा
परन्तु गुरिल्लों ने हार नहीं मानी
लड़ता गया
लड़ता गया वह …

रायफल की नाल से चूता है लहू !
रायफल पर पकड़ और मजबूत हो गई है !!
उसकी आवाज और खौफनाक हो उठी है !!!

  • अभिजीत राय

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ROHIT SHARMA

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