मैंने आदिवासी से पूछा – ‘तुम्हारे घर में दरवाज़ा नहीं है ? क्या इधर चोर नहीं आते ?’
उसने कहा – ‘साहब गरीब की गरीबी चुराने कौन आएगा ?’
मैंने पूछा – ‘तो क्या इधर पुलिस नहीं आती ?’
आदिवासी बोला ~ ‘आती है न साहब, जब अमीरों के यहां कोई घड़ी या पैसा चोरी हो जाती है, तो पुलिस हमारी बस्ती में वो सामान खोजने आती है, हमें पीटती है और चली जाती है.’
मैंने पूछा – ‘तो क्या पुलिस खराब होती है ?’
आदिवासी बोला – ‘पुलिस तो माई बाप है, वो अमीरों की अमीरी की रक्षा करती है और गरीबों के गरीबी की.’
- हिमांशु कुमार
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