हमारे बुद्ध मुंह से बाभन नही पैदा करते
न ही पैरों से शूद्र
वे न जन्नत की लालच में फंसाते
न दोजख़ का भय दिखाते हैं
वे ईश्वरों के चक्कर में भी
हमें नहीं उलझाते हैं
उन्हें पाने लिए किसी दलाल की जरूरत नहीं है
उनको किसी चढ़ावे से खरीदा नहीं जा सकता है
उन्होंने कोई किताब नहीं दी है
जो अंतिम सत्य का दावा करती हो
अंतिम सत्य उनके पास है
इसका दावा वह खुद नहीं करते थे
वे आस्था में नहीं
तर्क में विश्वास करते थे
बहुजनों का लोककल्याण
हर चीज की उनकी अंतिम कसौटी थी
वे मुक्तिदाता नहीं
मार्ग दाता थे
कोई भी बच्चा उनकी गोद में खिलखिला सकता है
और सू सू भी कर सकता है
कोई भी बच्ची उनके कंधों पर चढ़ उड़ान भर सकती है
वे हमें
मां का ममत्व
पिता का स्नेह
दादी का लाड़
दोस्त की गर्मजोशी
प्रेमिका का प्रेम
गुरु की सीख
सब कुछ देते हैं
वे महामानव हैं
मानव में जो कुछ भी है
उसका सर्वश्रेष्ठ रूप उनमें है
बुद्ध प्रेम और करूणा के साकार रूप हैं
वे रोशनी हैं
अंधकार नहीं
हमारे बुद्ध उनके जैसे नहीं हैं
- सिद्धार्थ रामू
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