महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के गांव गढ़ा कोला स्थित उनके पुश्तैनी घर का दरवाजा
राम चन्द्र शुक्ल
आज महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के गांव गढ़ा कोला की पावन भूमि के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ. उनके पुस्तैनी घर की देहरी के भी दर्शन हुए।गढ़ा कोला दर्शन के कुछ चित्र नीचे शेयर कर रहा हूंं. मेरे अधिकारी व उन्नाव जनपद के जिलाधिकारी रहे अरुण आर्या सर के प्रयासों से निराला स्मृति उद्यान गढ़ा कोला में बनाया गया है.
गढ़ा कोला हम लोग दोपहर में लगभग एक बजे पहुंंचे थे. सभी को भूख लग गयी थी. पानी व छाया की तलाश में हम गांव के प्राथमिक विद्यालय के अंदर गये. विद्यालय का समय होने के बावजूद यहां शिक्षा मित्र व रसोइया महिला को छोड़कर अन्य कोई अध्यापक उपस्थित नहीं मिला.
शिक्षा मित्र ओंकार तिवारी जी ने सौजन्यपूर्वक हम सब के बैठने व पानी आदि का इंतजाम किया. संयोग से वे महाकवि निराला के परिवारी निकले. वे ही हम सभी को निराला जी का पुस्तैनी घर की देहरी दिखाने ले गए, जिसका चित्र ऊपर दिया गया है.
ओंकार तिवारी जी द्वारा निराला जी के अन्य परिवारी जनों के घर, ‘बिल्लेसुर बकरिहा’ के शुक्ल परिवार का घर दिखाया गया. उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि ‘चतुरी’ का घर ढह चुका है. निराला के परिवारी जन व वंशज इलाहाबाद में रहते हैं. उनके पौत्र अमरेश त्रिपाठी का पिछले साल किसी दुर्घटना में आकस्मिक निधन हो चुका है. निराला जी के वंशज विवेक निराला जी ने निराला जी के उपनाम को अपनाया है, वे हिंदी में कविताएं लिखते हैं तथा किसी विद्यालय या महाविद्यालय में अध्यापक हैं.
निराला जी के गांव गढ़ा कोला में महाकवि की यादों को संजोये रखा गया है. यहां आकर आत्मीयता की सुखद अनुभूति हुई और यात्रा की सारी थकान मिट गयी. परंतु निराला जी के मित्र रहे डाक्टर रामविलास शर्मा जी के गांव की स्थिति देखकर निराशा की अनुभूति हुई. अपने उच्च शिक्षा व शिक्षा विभाग के मित्रों से अनुरोध है कि वे कृपया डाक्टर राम विलास शर्मा जी के गांव में भी उनकी स्मृति में एक विद्यालय/महाविद्यालय स्थापित करने के लिए जरूर प्रयास करें.
गढ़ाकोला से सरसों मार्ग पर गढ़ाकोला गांव के बाहर उत्तर दिशा में निराला जी की स्मृति में एक भव्य पुस्तकालय व शोध संस्थान की स्थापना वर्तमान विधान सभा अध्यक्ष जी के प्रयासों से की जा रही है. यह महत्वपूर्ण यादगार
महाकवि की स्मृति को दीर्घ काल तक बनाए रखेगी. गढ़ा कोला से बीघापुर रोड पर गांव से कुछ दूरी पर महाकवि निराला की स्मृति में महाविद्यालय स्थापित किया गया है.
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