“आज सुबह सीबीआई ने एन डी टी वी और उनके प्रमोटर को अंतहीन झूठ और घिसेपिटे आरोपों के आधार पर परेशान करने का अभियान और तेज कर दिया.
‘‘एन डी टी वी और उसके प्रमोटर अलग अलग एजेंसियों को लगाकर निशाना बनाने के इस अभियान से लड़ते रहेंगे. हम भारत में लोकतंत्र और आजाद आवाज को कुचलने के इन प्रयासों के आगे झुकने वाले नहीं हैं.
‘‘जो लोग भारत की संस्थाओं को बर्बाद करने में लगे हैं, उनके लिए हमारी तरफ से एक ही संदेश है- हम अपने देश के लिए लड़ते रहेंगे ओर इन ताकतों को हरा कर निकलेंगे.’’ – आज के सीबीआई छापे पर एनडीटीवी का बयान.
नरेन्द्र मोदी की भ्रष्ट और तलबाचाटुओं की सरकार जो दिन-रात देश के अंबानी सरीखे चंद काॅरपोरेट घरानों की सेवा में देश की करीब 100 करोड़ की आबादी का जनाजा निकालने पर तुली हुई है, वहीं मीडिया को अपना जरखरीद गुलाम बना चुकी है. जो लोग और मीडिया संस्थान बिकने को तैयार नहीं है, उस पर मोदी सरकार खुलेआम दमनात्मक कार्रवाई कर रही है.
आज जिस प्रकार एनडीटीवी के को-फाॅउण्डर प्रणय राॅय के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित आवास पर सी.बी.आई ने छापेमारी की है और उनकी पत्नी राधिका राॅय के खिलाफ फर्जी मुकदमों में फंसाने की कोशिश की है, वह हद से ज्यादा घिनौनी और निंदनीय हरकत है. यह देश के जनता की स्वतंत्र आवाज को दबाने की घृणास्पद कार्रवाई है, जिसकी जितनी निंदा की जाये, कम है.
एनडीटीवी के ऊपर कार्रवाई करके मोदी सरकार ने देश की आम जनता को यह साफ तौर पर संकेत दे दिया है कि वह दलालों की सरकार है. वह अंबानी सरीखे काॅरपोरेट घरानों की सरकार है, जो देश को तराजू पर रख कर बेच डालने में विश्वास रखती है और जो कोई इसके विरोध में आवाज उठाने की कोशिश करेगा, उसे खत्म करने की पूरी कोशिश की जायेगी.
अपनी आत्मा तक को अंबानी के कदमों में गिरवी रख चुकी मोदी सरकार ने एक तरफ देश के उन करोड़ों आदिवासियों के खिलाफ जंग छेड़ रखा है, जो अपनी जल-जंगल-जमीन को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं तो वहीं देश में एक नये प्रकार की राजनीति का आह्वान कर चुकी आम आदमी पार्टी को ही जड़ समेत खत्म कर डालने पर तुली हुई है. अब इससे अलग इस देश की आवाज को खरीद लिया है और जो मीडिया प्रतिष्ठान बिकने को तैयार नहीं हैं, जिनकी देश की जनता के बीच मजबूत साख है, को अपनी दमनात्मक कार्रवाई, नोटिस, आॅफ-एयर करने की धमकी, छापेमारी, फर्जी मुकदमों का डर दिखा कर खत्म करने पर आमदा हो गई है.
बता दूं कि मोदी सरकार अपनी यह घिनौनी हरकतें केवल उन टुच्चों पर ही आजमा सकते हैं, जिनकी आत्मा पहले से ही मर चुकी है. उनकी यह कार्रवाई उन लोगों या संस्थानों का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है, जो जिन्दा हैं और जिन्दा रहने में यकीन करते हैं. मोदी की घिनौनी हरकतों की देश के तमाम जिन्दा लोग न केवल निन्दा ही करते हैं वरन् मोदी के इस घृणित रवैये के खिलाफ एकजुट होने की भी पहल करती है.
कहना नहीं होगा एनडीटीवी के खिलाफ नरेन्द्र मोदी के तोते सीबीआई द्वारा की गई घृणास्पद कार्रवाई भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा की अशोभनीय हरकतों के कारण एनडीटीवी के एक लाईव डिबेट से बहिष्कृत करने की जांबाज कोशिश के नतीजे के तौर पर देखा जा रहा है. बदले की भावना से ओतप्रोत मोदी सरकार जरूरत से ज्यादा गिर चुकी है. इस गिरी हुई सरकार को देश का सरकार कहलाने की कोई वजह नहीं बची है. मोदी के केवल गुण्डों और दलालों की सरकार को केन्द्र की सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. जितनी जल्दी इसे दफा किया जाये देश के लिए उतना ही बेहतर होगा.
यहां हम अपने पाठकों के लिए एनडीटीवी के ओर से जारी स्पष्टीकरण का एक संदेश अपलोड कर रहे हैं, जिससे कि पाठकों के सामने सारे मुद्दे स्पष्ट हो सके :
S. Chatterjee
June 5, 2017 at 5:49 pm
It’s most Savage, barbaric and senseless attack on the freedom of press press.
Masihuddin Sanjari
June 6, 2017 at 5:11 am
एनडीटीवी के खिलाफ सीबीआई के छापे सीबीआई के गलत इस्तेमाल की बदतरीन मिसाल है। इसने साबित किया है कि जो इस सरकार का पालतू बन कर रहने को तैयार नहीं है उसका दमन किया जाएगा। यह बहुत खतरनाक है। लाेकतंत्र को बचाने के लिए इस तरह के खतरनाक कदम का मुकाबला होना चाहिए बल्कि इस दमन चक्र के खिलाफ एक बड़े अभियान की शुरूआत मान कर आगे बढ़ना चाहिए।
Rohit Sharma
June 7, 2017 at 6:59 am
सीबीआई छापों पर NDTV का ताजा बयान :
ये बड़ा हैरान करने वाला है कि सीबीआई ने बिना किसी शुरुआती जांच के NDTV के दफ़्तरों और उसके प्रमोटर्स के घरों की तलाशी ली. ये प्रेस की आज़ादी पर खुला राजनीतिक हमला है. सूत्रों ने पुष्टि की है कि सरकार के दबाव में सीबीआई को एक व्यक्ति की ग़लत शिकायत के आधार पर एफ़आईआर दायर करने के लिए मजबूर किया गया. ये व्यक्ति NDTV से असंतुष्ट उसी का एक पूर्व कंसल्टेंट संजय दत्त है जो झूठे आरोप लगाता रहा है और उनके आधार पर अदालतों में केस दायर करता रहा है. संजय दत्त अभी तक इनमें से किसी भी अदालत से कोई भी आदेश लाने में नाकाम रहा है.
क़ानून के जानकार हैरान हैं कि जहां अदालतें इतने सालों तक उसकी शिकायतों पर आदेश देने से इनकार करती रहीं वहीं सीबीआई ने उसकी एक निजी शिकायत पर छापे डाल दिए.
Buhedife
July 13, 2017 at 11:22 am
You are definitely right
cours de theatre paris
September 30, 2017 at 1:56 am
Im grateful for the article.Much thanks again. Will read on…
cours de theatre
September 30, 2017 at 1:08 pm
I am so grateful for your article.Really thank you! Cool.