केन्द्र की मोदी सरकार जहां गधों, कुत्तों के काॅमेडी में व्यस्त है, वहीं दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार आम जनता की बुनियादी जरूरतों की आपूर्ति व हिफाजत करने में दिन-रात लगी हुई है. अभी दिल्ली की आम आदमी की सरकार ने दिल्ली विधानसभा से पारित न्यूनतम वेतन (दिल्ली) संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति के पास मंजूरी हेतु भेजी थी, जिसे राष्ट्रपति ने बुझे मन से ही सही, पर मंजूरी दे दी है. इसी के साथ दिल्ली में आम मजदूरों को निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दिये जाने का एक कानूनी प्रावधान लागू हो गया.
इस न्यूनतम वेतनमान से एक ओर आम मजदूरों की दशा में बुनियादी सुधार होने की गुंजाईश जहां बढ़ गई है, वहीं दिल्ली की आम जनता के बीच एक नई उम्मीद भी जगा दी है. यह उम्मीद कि उसके बदहाल जीवन को सुनिश्चित करने की दिशा में दिल्ली सरकार कृत-संकल्पित है, कि दिल्ली सरकार उसके भरोसे पर खड़ी उतर रही है.
इस प्रावधान के तहत् निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से कम वेतनमान दिये जाने पर नियोक्ता पर 20 हजार रूपये का जुर्माना और 3 साल तक की कैद का प्रावधान किया गया है. इस आशय की जानकारी दिल्ली सरकार ने दिल्ली गजट प्रकाशित कर दिया है. इससे पहले तक दिल्ली में न्यूनतम वेतन न देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के प्रावधान नहीं थे. इस कानून के उल्लंघन करने वाले नियोक्ताओं पर केवल 500 रूपये का जुर्माना और 6 माह तक की कैद का प्रावधान था.
दिल्ली में अब नए कानून लागू होने के साथ ही दिल्ली में न्यूनतम वेतनमान 13,896 रूपये प्रतिमाह होगी. राजधानी में अकुशल मजदूरों के लिए 13,896, अर्ध-कुशल मजदूर के लिए 15,296, कुशल मजदूर के लिए 16,858 रूपये प्रति माह निर्धारित किया गया है. इसके अलावे 10वीं फेल के लिए न्यूनतम वेतनमान 15,296 तो वहीं 10वीं पास के लिए 16,858 रूपये प्रतिमाह किया गया है. ग्रेजुएट एवं ज्यादा शिक्षितों के लिए 18,332 रूपये प्रतिमाह न्यूनतम वेतनमान निर्धारित किया गया है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली की आम मजदूरों के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतनमान 25 फरवरी, 2017 को ही लागू कर दिया किया था,
दिल्ली सरकार ने दिल्ली की आम मजदूर जनता के हितों को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया यह एक ऐसा कदम है, जिसकी गूंज एक बार फिर दुनिया भर में उठेगी क्योंकि एक ईमानदार सरकार का हर फैसला बईमानों की सरकार पर भारी पड़ता है.
दिल्ली सरकार आम आदमी के जिन्दगी की सुरक्षा व मौलिक सुविधाओं को हरसंभव तरीके से सुनिश्चित करने के लिए पूरी जिद के साथ जहां काम कर रही है, वहीं केन्द्र की निकम्मी मोदी सरकार देश में आये दिन नई-नई काॅमेडी कर रही है.
आम आदमी पार्टी की सरकार आम जनता की बुनियादी जरूरतों बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा, किसानों का मुआवजा, सड़क हादसे के शिकार लोगों की चिकित्सा व उसे हाॅस्पीटल लेकर आने वाले के लिए प्रोत्साहन राशि आदि जैसे बुनियादी जरूरतों को न केवल सुनिश्चित ही कर रही है, वरन् उसकी गांरटी करने हेतु नये कानून भी बनाने पर जोर दे रही है. ये अलग बात है कि केन्द्र की मोदी सरकार उनके राहों में आये दिन रोड़े अटका रही है.
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