Home गेस्ट ब्लॉग मेरे लिए कोई भी देश मुर्दाबाद नहीं है

मेरे लिए कोई भी देश मुर्दाबाद नहीं है

18 second read
0
1
568

मेरे लिए कोई भी देश मुर्दाबाद नहीं है

एक लड़की मंच पर अचानक से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगती है. मुसलमानों की भीड़ उसका जवाब क्या देती है, कोई नहीं बताएगा. लड़की पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाती है तो सामने खड़ी मुसलमानों की भीड़ उसका जवाब ‘मुर्दाबाद, मुर्दाबाद’ से देती है. लेकिन मीडिया मुसलमानों की भीड़ के जवाब को गायब करके आपके सामने परोस रही है क्योंकि ऐसा न करने से उसका झूठ दुर्बल पड़ जाएगा. उसका दुष्प्रचार नग्न हो जाएगा.

जिस समय लड़की नारा लगाना शुरू करती है, उस समय ओवैसी नमाज जाने के लिए होते हैं. जैसे ही असुद्दीन ओवैसी को नारे सुनाई देते हैं, वह तुरंत हरकत में आ जाते हैं और उस लड़की को रोकने के लिए तुरंत मंच पर पहुंचते हैं. औवेसी कहते हैं, ‘ये आप क्या कह रही हैं, You can not say this’. मंच का एक एक शख्स लड़की के खिलाफ खड़ा हो जाता है. मंच के सामने खड़ी भीड़ का एक-एक शख्स उस लड़की के प्रतिरोध में खड़े हो जाते हैं. लड़की को मंच से हटाने के बाद खुद ओवैसी अपनी बात को दोहराने के लिए दोबारा मंच पर पहुंचते हैं. औवेसी कहते हैं- ‘ऐसे नारे लगाने वाले लोग हमारे हरगिज भी नहीं हैं, जिन्हें ऐसे नारे लगाने हैं किसी और मंच पर जाएं.’

मैं औवेसी की पॉलिटिक्स से अधिक सहमत नहीं हूं, मैं नहीं कहता कि वे देवता हैं, या बहुत अधिक सभ्य नेता हैं लेकिन उनकी आंखों में मैंने सामाजिक लिहाज देखा है. उनके दिल में क्या है, इस पर जरूर ही शक किया जा सकता है लेकिन उनकी जुबान पर तो कम-से-कम संविधान है. उन्हें संविधान का सामाजिक लिहाज तो है. प्रेस से बात करते हुए भी ओवैसी ने उस लड़की को धिक्कारा और पुलिस से कार्यवाही करने की मांग की.

लेकिन मुझे योगी आदित्यनाथ का वो इंटरव्यू आज तक नहीं मिला जिसमें उन्होंने आरएसएस के उस आदमी को धिक्कारा हो जिसने योगी के मंच से मुसलमान औरतें के बलात्कार की बात कही थी. अपने देश के लिए जिंदाबाद के नारे लगाने के साथ-साथ, किसी दूसरे मुल्क के जिंदाबाद के नारे लगाना अधिक अपराध है ? या अपने ही मुल्क की औरतों के साथ बलात्कार करने की बात कहना अपराध है ? फिर आपने आज तक योगी आदित्यनाथ से इस बात के लिए माफी मांगने के लिए क्यों नहीं कहा ?

मेरे लिए कोई भी देश मुर्दाबाद नहीं है. हमारी लड़ाई आदमी की कौम से नहीं है. इंसानियत के लिए लड़ने वाले किसी भी समूह से नहीं है. पाकिस्तानी मुल्क में भी अमन चैन के लिए लड़ने वाले लोग हैं, जो जितना पाकिस्तान से मोहब्बत करते हैं, उतनी ही मोहब्बत हिंदुस्तान से करते हैं. पाकिस्तान में भी ऐसे लोग हैं जो भारत में शांति के लिए दुआएं करते हैं. मैं उनके मरने की कामना नहीं कर सकता.

ये भी सही है कि पाकिस्तान में भी आरएसएस जैसे संगठन हैं जिनकी रोटियां हिंदुत्व की जगह इस्लाम से चलती हैं. लेकिन जैसे आरएसएस के होने से हिंदुस्तान मुर्दाबाद नहीं हो जाता, ऐसे ही दो-एक आतंकियों की वजह कोई पूरा मुल्क मुर्दाबाद नहीं हो जाता. हम मुर्दाबाद के नारे लगाकर अमन और चैन की बात नहीं कर सकते. हमारा लहजा संवाद का है, शांति का है. मुर्दाबाद की सतही राजनीति का नहीं है. हम किसी मुल्क के मरने की कामनाएं नहीं कर सकते. हम सहअस्तित्व में जीने वाली कौम हैं. हमारी किताबों में “तत्सो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय” सी ऋचाएं लिखी हुई हैं. हमारी किताबों में दूसरी कौम और दूसरे मजहबों के मानने वाले लोगों के स्वास्थ्य लाभ की कामनाएं लिखी हुई हैं. मेरी भाषा ‘गोली मारो सालों को’ की अनुमति नहीं देती.

औवेसी ने उस लड़की के लिए तय कार्यवाही की मांग की है. आप इस मुद्दे पर ओवैसी का स्टैंड सुनिए, उसकी खबर देख लीजिए लेकिन मैंने प्रधानमंत्री का वो भाषण नहीं सुना जिसमें उन्होंने प्रज्ञा भारती द्वारा गांधी हत्या के समर्थन में दिए गए भाषणों के लिए सजा की मांग की हो. मैंने प्रधानमंत्री की वो वीडियो भी नहीं देखी जिसमें उन्होंने लिंचिंग करने वाले हत्यारों को माला पहनाने वाले जयंत सिन्हा की आलोचना की हो. मैंने प्रधानमंत्री का वो वीडियो भी नहीं देखा जिसमें उन्होंने ‘गोली मारो सालों को’ जैसे नारों की भ्रत्सना की हो…, मैंने वो इंटरव्यू भी नहीं सुना जिसमें योगी आदित्यनाथ अपने मंच से बलात्कार करने की कहने वाले के लिए सजा की मांग कर रहे हों, या उसकी निंदा भर भी कर रहे हों. आपको मिले तो बताना…

  • श्याम मीरा सिंह, पत्रकार

Read Also –

माई नेम इज केजरीवाल एंड आई एम नॉट अ टेररिस्‍ट
योजनाओं के ऐलान तले फल-फुल रहा है भारत
गार्गी कॉलेज में छात्राओं से बदसलूकी
जानिए, आपका टीवी एंकर आपके खिलाफ लड़ रहा है

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…