मत कहो आकाश में कुहरा घना है
नदी, थोड़ा आराम कर लो
कब से लाशें ढो रही हो
पहाड़, थोड़ा सो लो
कब से खड़े हो
मैदान, उठो न
सुबह कब की हो गई
तुम अब तक सोये हो
मरूत, ठहरो, सांस ले लो
मेरी छोड़ो ऑक्सीजन
कंसन्ट्रेटर चला लेंगे
एयर प्युरीफायर लगा लिया हूं
एक फुल सिलिंडर ऑक्सीजन का
ऑनलाइन ऑर्डर दिया हुआ है
फिल्हाल, अपने पीपल के नीचे
बिछायी खाट पर लेटा हुआ
सांस लेने की कोशिश कर रहा हूं
- राम प्रसाद यादव
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