जिन लोगों ने कश्मीर से 370 खत्म कर दिया
आज वे पूर्वोत्तर से 6वीं अनुसूची को
खत्म कर देना चाहते है
और कल वे मध्य भारत से
5वीं अनुसूची को भी खत्म कर देंगे
वे देश की एकता, अखंडता और
विकास के नाम पर ही
हमारा शोषण करते आ रहे हैं
देश से प्रेम उन्हें न तो कल था
और न ही आज है
ये तो बस उसके नाम पर
हमें धोखा देते आ रहे हैं
इन्हें किसी चीज से प्रेम है
तो वो है निजी सम्पत्ति
जिसका ये पहाड़ खड़ा करना चाहते हैं
चाहे इसके लिए किसी का घर जलाना पड़े
या किसी जाति या समुदाय का नरसंहार करना पड़े
ये इंसानों के रूप में भेड़िये हैं
जिन्हें मुनाफे की हवस ने आदमखोर बना दिया है
और अपनी सुरक्षा के लिए आदमखोरों को मारना
हमारा नैसर्गिक अधिकार है
इसके लिए इस देश का संविधान
हमें चाहे कुछ भी कहे
वो भी उतना ही दोषी है
जितना की आदमखोर
आखिर उन्हें जिन्दा रहने के लिए
ऑक्सीजन तो वही दे रहा है !
- विनोद शंकर
12/6/2023
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