लॉकअप से शव को
कन्धे पर उठाए
मैं चल रहा हूंं
अपनी मौत की घटना सुनाऊंं
पूछता है शव
‘मेरी मौत सहज थी या हत्या.’
शव और वह भी लॉकअप में
बात कर रहा हो तो
वह हत्या ही हो सकती है-
मैंने कहा.
सत्य कहने पर ख़ुशी हुई
जीवित आदमी का
लॉकअप में मुंंह खोलना ही अपराध है
इसीलिए
वह शव अदृश्य हो गया
और फिर दूसरे लॉकअप में मिला
- वरवर राव
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