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LG ने पुलिस से पूछा, “कैसे ‘आप’ के विधायक बरी होते जा रहे हैं ?”

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आम आदमी पार्टी लम्बे समय से ये बात कहती आ रही है कि भाजपा के इशारे पर दिल्ली पुलिस आम आदमी पार्टी के विधायकों को झूठे और अनर्गल केसों में फंसाया जा रहा है. इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की हवा खा चुके यदुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए 100-100 करोड़़ की थैली खोलकर बैैैठी भाजपा दिल्ली सरकार को किसी भी आपराधिक या भ्रष्टाचार के मामले में फंसा कर जेल भेजनेे अथवा सरकार को गिराने के लिए देश की तमाम जांच एजेंसियों समेत दिल्ली पुलिस दिन-रात एक कर रही है और फर्जी मुकदमा मेंं फंसा रही है.

केन्द्र की भाजपा सरकार बड़ी उत्सुकता से दिल्ली में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएं ताकि आम आदमी पार्टी के विधायकों को जल्द से जल्द जेल भेजा जा सके, लेकिन हो इसका उल्टा रहा है. फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट होने की वजह से हमारे विधायक एक के बाद एक बरी होते जा रहे हैं. कोर्ट ने न केवल आम आदमी पार्टी के विधायकों को बरी ही किया बल्कि पुलिस को फटकार भी लगाई और चेतावनी देते हुए कहा कि “दिल्ली पुलिस क्यों इस तरह के झूठे और राजनीति से प्रेरित केस कोर्ट के समक्ष पेश कर रही है ?”

कोर्ट के बार-बार के फटकार से ऐसा लगता था कि उप-राज्यपाल संज्ञान लेंगे और दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूछेंगे कि ये कैसे हो रहा है कि झूठे केसों में विधायकों को फंसाया जा रहा है ? लेकिन हैरानी इस बात की है कि उपराज्यपाल साहब बिल्कुल इसके उलट काम कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने कि बजाए उपराज्यपाल के ऑफ़िस से दिल्ली के कमिश्नर अमूल्य पटनायक‌ को एक चिट्ठी लिखकर ये पूछा गया है कि “ये कैसे हो रहा है ? कैसे आम आदमी पार्टी के विधायक बरी होते जा रहे हैं ?”

एक हफ्ते के अन्दर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक रिपोर्ट बनाकर उपराज्यपाल के दफ्तर में जमा कराने के लिए कहा. बड़ी हैरानी कि बात है कि पत्र में उपराज्यपाल ने कुछ लोगों के बारे में खास तौर पर पूछा है कि ये लोग आख़िर कैसे बच गए ? वे नाम इस प्रकार हैंं –

1-      अरविन्द केजरीवाल (मुख्यमंत्री)

2-      मनीष सिसोदिया (उप-मुख्मंत्री)

3-      कैलाश गहलोट (परिवहन मंत्री)

4-      अमानतुल्ला ख़ान (विधायक)

5-      नरेश बाल्यान (विधायक)

6-      मनोज कुमार (विधायक)

ये बेहद शर्म की बात है कि उम्र के इस पड़ाव पर जहांं उपराज्यपाल की उम्र का कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना ही बुरा क्यों न हो, भगवान का नाम जपता है, उपराज्यपाल इस उम्र में भी इतनी गन्दी और ओछी राजनीति कर रहे हैं. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि वे एक संवैधानिक पद पर रहते हुए इतनी दोयम दर्जे की गंदी राजनीति दिल्ली की जनता द्वारा चुने गए विधायकों और सरकार में बैठे लोगों के ख़िलाफ़ कर रहे हैं. यह साफ़ है कि बीजेपी के इशारे पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल अब दिल्ली की सरकार को गिराने की साज़िश कर रहे हैं.

मालूम हो कि दिल्ली सरकार और दिल्ली की जनता के खिलाफ साजिश करने वाले पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. उन्होंने अपने कुकृत्यों पर खेद जता चुके हैं. वर्तमान उपराज्यपाल अनिल बैजल को इनसे सीख लेना चाहिए.

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