राष्ट्र भक्त बनने के लिए
आपको
देश के एक काल्पनिक चित्र पर गर्व करना है
सेना की जय बोलनी है
जोर से अपने राष्ट्र की जय के नारे लगाने हैं
और झंडे का सम्मान करना है
लेकिन अगर आपने गलती से भी
दलितों
आदिवासियों
अल्पसंख्यकों
औरतों
नदियों
जंगलों
पहाड़ों
पेड़ों
लोगों के मानवाधिकारों
और सभी नागरिकों की बराबरी
के लिए आवाज़ बुलंद की
तो आप देशद्रोही
कम्युनिस्ट और
विदेशी पैसे खाने वाले
विदेशी एजेंट
मान लिए जायेंगे
ये मुर्दा राष्ट्र भक्ति
आप ही को मुबारक हो
हमारा राष्ट्र
यहां के लोग हैं
यहां की आब
मिट्टी
खनिज
इनकी इज्ज़त
और इनकी बराबरी है
जाइए हमें
मुल्क का गद्दार घोषित कर दीजिए !
- हिमांशु कुमार
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